Tag: बतकुच्चन

बतकुच्चन – ३९

कहल जाला कि तुलसीदास लिख गइल बानी कि “कूदे फाने तूड़े तान, वाके दुनिया राखे मान”. तुलसीदास का जमाना में लोकतंत्र त रहे ना बाकिर उनुका अन्दाजा रहे कि कलियुग में का होखे जा रहल बा आ आवे वाला दिन में दुनिया केकर बाति...

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बतकुच्चन – ३८

पिछला दिने एगो सम्मानित पाठक के टिप्पणी आइल रहे कि भोजपुरी में श के इस्तेमाल ना होला. उहाँ के भोजपुरी के बढ़िया जानकार हईं आ भोजपुरी पर लगातार शोध करे में लागल बानी. अब एह बात से त हमरो विरोध नइखे कि भोजपुरी में श भा ष के...

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आन्हर कुकुर बतासे भूंके.

(बतकुच्चन – ३७) आन्हर कुकुर बतासे भूंके. भोजपुरी के ई कहाउत पिछला दिने तब याद आ गइल जब देश के एगो बड़का मंत्री इन्टरनेट के सोशल मीडिया का खिलाफ आग उगिले लगलन. कहे लगलन कि ओहिजा जवने मन में आवत बा लोग लिख देत बा. देखा देत...

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बतकुच्चन – ३६

पिछला बेर बँड़ेरी के चरचा पर बात खतम भइल रहे. बँड़ेरी ओह लकड़ी के बीम के कहल जाला जवन कवनो छान्हि भा पलानी के बीच से थमले रहेला आ ओकर दुनु सिरा दुनु तरफ खँभा भा दिवार पर टिकावल रहेला. अब देखीं कि कइसे तनी मनी का हेर फेर से दू गो...

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बतकुच्चन – ३५

बाँझ का जनिहें प्रसवती के पीड़ा ? बच्चा जने में होखे वाला दरद ओही औरत के समुझ में आ सकेला जे कबो खुद बच्चा जनले होखे. बूझेले चिलम जिनका पर चढ़ेला अँगारी. जे हालात के गरमी झेलेला ओकरे ओकर पीड़ा बुझाला. भोजपुरी के ई दुनु कहाउत आजु एह...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।