अनसोहाते अनसाईल अनसाह (बतकुच्चन – 194)
कबो ट्रेन के टाइम त कबो हवाई जहाज के टाइम का चलते अनसोहाते मौका मिल जाला बतकुच्चन से आराम करे के. सोहाव त ना बाकिर कुछ देर ला सोहावन जरूर लागेला. आ आज एहीसे अनसोहाते पर बतकु्च्चन करे के मन बनवले बानी. अब रउरा एहसे अनस आवे, रउरा...
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