Tag: बतकुच्चन

नवासी का फेर में आवासी आ निवासी के चरचा (बतकुच्चन – 179)

पिछला 2 नवंबर का दिने मारीशस आप्रवासियन के अइला के 180वां सालगिरह मनवलसि. एही दिने भारत से गइल गिरमिटिहा मजदूर पहिला बेर मारीशस का किनार पर पानी के जहाज से आ के उतरल रहले. आ हमरा बतकुच्चन के मसाला मिल गइल. आप्रवासी शब्द पढ़ के...

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गति से दुर्गति ले (बतकुच्चन – 178)

एगो गति संज्ञा होले आ दोसरका गति भा गत विशेषण. दुनू में छोटकी इ के मात्रा लागेला बाकिर दोसरका गति से छोटकी इ के मात्रा हट गइल काहे कि उ मात्रा छोटको ले छोटकी इ के रहुवे जवन बोले में त सहज लागी बाकिर लिखत में असहज क देले. जइसे कि...

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ड्राइवरी के व्याकरण (बतकुच्चन 177)

अइसन कबो ना होखे जब हम बतकुच्चन लिखे से पहिले मगजमारी करत शब्द कोश भा व्याकरण के किताब ना पलटत होखीं. कबो नया नया कुछ खोजे ला त कबो दिमाग में आइल कवनो बात के आधार बनावे ला. अबकियो उहे भइल. पिछला दिने एगो राजनीतिक अखबार के संपाक...

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जर जोरु जमीन जबरदस्त के (बतकुच्चन – 176)

बतकुच्चन 182 बात विजयादशमी के दिन के ह. ओह दिन कई जगहा मूर्ति भसान ले के झगड़ा फसाद हो गइल आ हम सोचे लगनी कि केकरा के अबर भा दुबर कहाव आ केकरा के जबर. बर अकेले होखे त बरगद के गाछ हो सकेला भा दुलहा. बाकिर अबर दुबर जबर के बर बल के...

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झड़ुआवल आ बहारल के चरचा (बतकुच्चन – 175)

पिछला अतवार के बाबा लस्टमानंद से भेंट हो गइल. बाबा के आदेश भइल कि हम बतकुच्चन में झाड़ू पर चरचा करीं. बाबा के त ना बतवनी बाकिर रउरा के बता देत बानी कि पिछला साल अगस्त में एगो कड़ी में एकर चरचा कइले रहीं. आजु ओकरे में कुछ बात...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।