Tag: कविता

गज़ल

(पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 5वी प्रस्तुति ) – ‍शशि प्रेमदेव गाँधी जी के बानर, बनि गइले पर नीक कहाइबि हम। साँच बात कहि के ए दादा, माथा ना फोरवाइबि हम। मन के कहना मान लेबि तऽ कबहूँ ना पछताइबि हम। बेसी चतुर...

Read More

प्रान बसे ससुररिया रे !

पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 4थी प्रस्तुति – ‍हीरालाल ‘हीरा’ अकसर एके संगे खइले सँगे मदरसा पढ़हू गइले एक्के अँगना खेलत-कूदत दिन-दिन बढ़ल उमिरिया रे। दू भई का नेह क चरचा सगरो गाँव नगरिया रे । भव भरल भटकाव न...

Read More

दू गो कविता

– डा॰अशोक द्विवेदी गोहिया मार चाहे सटहा के होखे चाहे जहर बुझल बात के मार से पीठि पर उखड़ल गोहिया त लउकेला बाकि मन पर परल करिया रेघारी भा अन्तर में उखड़ल गोहिया ना लउके ना लउके दुर्दिन आ दुर्भाग में लागल गहिर ठेस. बोझा बोझा...

Read More

ए माई !

– ओ.पी. अमृतांशु नवमी के दिने देवी लेली बलिदनवा, खस्सिया पे चले तलवार होऽऽऽ. करेले बकरिया गोहारऽ ए माई, करेले बकरिया गोहार होऽऽऽ. बड़ी रे ललसवा से दिहलीं जनमवा, चुमी-चाटी बबुआ के संझिया-बिहनवा,...

Read More

राजा आ लोक कवि

– डा॰अशोक द्विवेदी सिंहासन पर बइठल राजा के अझुराइल रहला खातिर जुटावल जाला कतने सरंजाम. जइसे मारकाट के खेल भुखाइल, खूनी बाघ से निहत्था आदमी क लड़ाई. जइसे नाच गाना के महफिल आ शेरो-शायरी से बड़ाई खास नर्तकियन के पेशी. पाँच...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।