आइल पतोहिया भारी रे
– ओ.पी. अमृतांशु पर घर के आसरा कइली मतारी, आइल पतोहिया भारी रे. रोएली लोरवा ढारी मतारी, रोएली लोरवा ढारी रे. नव महीना दरदिया सहली ,बबुआ के जनमवली देवता-पितर पूजली, शीतला माई के गोद भरवली नजर-गुजर ना लागो, केतना मरीचा...
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