नयका साल

– डॉ. कमल किशोर सिंह

एक साल अउर सरक गइल,
कुछ छाप आपन छोडि के.
भण्डार भरि के कुछ लोगन के ,
बहुतन के कमर तोड़ि के.
प्रकोप परलय के दिखा
दुनिया के कुछ झकझोरि के.
आईं बिदाई करीं एकर,
दसो नोहवा जोड़ी के,
आ स्वागत करीं नव वर्ष के ,
सहर्ष बहियाँ खोलि के.

नयकी किरण नव वर्ष लावे,
कहवों ना छिपल अन्हार हो.
कोंपल नया सभ स्वस्थ निकले,
पुष्पित फलित सब डार हो.
नव नीड़ के निर्माण हो,
उजडल के भी उद्धार हो.
दुःख दर्द दुनिया के घटे
परस्पर प्रेम के परसार हो.


डा॰कमल के पहिले प्रकाशित रचना

1 Comment

  1. omprakash amritanshu

    २०१० जा रहल बा
    पियाज के भाव बढ़ाके
    बिहार में कांग्रेस के हराके
    मनोज तिवारी के बिग-बॉस के घर से निकाल के
    ढेर -सारा घोटाला करवाके
    भगवती प्रसाद के सोगहग लवटाके
    सुर-संग्राम में हंगामा कराके
    अंजोरिया के नाम चमकाके
    ओ.पी अमृतांशु के ओका-बोका सुनाके
    आ रहल बा २०११ खिल -खिलाके , मुस्कुराके .
    स्वागत कईल जाव नया गीत गुनगुनाके.

    कमल जी नीक लागल राउर रचना .

    गीतकार – ओ.पी अमृतांशु
    901366095

Submit a Comment