"भोजपुरी अमन" साप्ताहिक पत्रिका के नयका अंक

aman-patrikaसाप्ताहिक बाकिर नियम से ना छप पावेला पत्रिका भोजपुरी अमन के १२ अप्रेल के अंक हमरा लगे स्कैन कर के आइल त एकर बारहो पन्ना पलट गइनी. पूरा पत्रिका भोजपुरी में बा आ सगरी ना त अधिकतर सामग्री भोजपुरी सरोकारन से जुड़ल बा. आजु जब मासिक पत्रिकन के काम भर के रचना नइखे मिल पावत, चलावे लायक पाठकन के संख्या नइखे हो पावत ओह हालात में एगो साप्ताहिक पत्रिका के प्रकाशन के कोशिश दुस्साहसे कहल जाई. डा॰ जनार्दन सिंह एह ला बधाई के पात्र बानी.

साप्ताहिक पत्रिका के अंदाज में “भोजपुरी अमन” में समाचार प्रमुखता से बा साहित्य के कमी बा. बाकिर ओह कमी के कुछ बढ़िया निबन्ध से पूरा करे के कोशिश कइल गइल बा.

साप्ताहिक पत्रिका में अगर फिलिम आ संगीत से जुड़ल कुछ खबर दिहल जा सके त पाठकन के रुचिगर लागी. जइसे कि काम के दवाई खियावे खातिर ओकरा के कैप्सूल में बंद कर के दिहल जाला. कैप्सूल का चलते दवाई के कड़ुआहट छिप जाला आ दवाई के काम करे के मौका मिल जाला.

एह अंक में एगो निबंध पर ध्यान चल गइल जवना में एह अंक के अतिथि संपादक वशिष्ठ दुबे भोजपुरी के सेवा में लागल लोग का नामे एगो खुला चिट्ठी लिखले बाड़न. भोजपुरी इलाका के परिधि देखावत बतावत दुबे जी लिखले बानी कि “प्रचुर ऐतिहासिक संस्कृति के धरोहर रहला के बावजूद हमनी के संस्कृति के अवदमन भाषाई साम्राज्यवाद, सिनेमा, सीरियल, भोंड़ा गीत इत्यादि के द्वार हो रहल बा. इ हमनी खातिर लज्जा आ अपमान के बात बा”

लेखक के एह बात के बड़हन शिकायत बा कि समृद्ध आ विकसित भाषा होखला क बावजूद देश के आन्हर, गूंग, बहीर सरकार एह भाषा के आजु ले आठवीं अनुसूची में ना डललसि. एकरा के भोजपुरियन के कमजोरी बतावत दुबे जी एहु बात पर जोर दिहले बानी कि भोजपुरिया इलाका के बेहिसाब आर्थिको शोषण कइल जात बा. एहसे एहीजा के मनही के हर तरह के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आ शैक्षिक शोषण से मुक्त करे ला नया सिरा से संग्राम करे के पड़ी.

साथही बतावल जरूरी लागत बा कि पत्रिका के लेखन से आ अउरियो सामग्री से साफ बा कि पत्रिका आनंद मार्ग से जुड़ल बिया. एक जमाना में आनन्द मार्ग देश के कई इलाकन में ओहिजा के भाषाई आधार पर आन्दोलित करे के कोशिश कइले रहुवे बाकिर एके तीर से कई शिकार करे का फेर में ओकरा असफलता हाथे लागल. एने एह पत्रिका के माध्यम से लागत बा कि आनंद मार्ग के लोग फेर सक्रिय होखे लागल बा. भोजपुरी के मामिला कवनो निहित स्वार्थ के हाथ में पड़े देबे से बचावहु के ओतने जरूरत बा जतना भोजपुरी के धंधेबाजन के हाथ में पड़े देबे से बचावे के.


भोजपुरी अमन के संपर्क सूत्र

डा॰ जनार्दन सिहं,
३७, हिम सिटी, देवा रोड, मटियारी, चिनहट,
लखनऊ.

फोन :-
9236961379,
9695325051

इमेल
bhojpuriya@ymail.com

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