भोजपुरी नाटक "गिरमिटिया भारतवंशी" के मंचन

– ओमप्रकाश अमृतांशु

girmitiya-natak“गिरमिटिया” शब्द अंगरेजी के एग्रीमेन्ट शब्द के बिगड़ल रूप हउए. १७ वीं सदी में अंगरेज भारत अइले आ गरीब आदमी एक-एक रोटी के मोहताज हो गइले. १८३४ से गुलामी के शर्त पर करीब ६० हजार भारतीय मजदूरन के लेवनी देश जहाज से फिजी, ब्रिटिश गुयाना, डच गुयाना, ट्रिनीडाड आदि जगहन पे भेजल गइल. एही मजदूरन के, जे एगो एग्रीमेंट का तहत गइल, गिरमिटिया कहल जाला. हर साल दस से पन्द्रह हजार मजदूरन के गिरमिटिया बनाके भेजल जात रहे. हालां कि, एग्रीमेन्ट पाँच साल के होत रहे बाकिर जे गइल आज तक वापस लवटि के ना आइल. ढ़ेर लोग त गुलामी करत-करत ओहिजे माटी में मिल गइल, जे जिन्दा बाचल उ एक-एक पइसा के मोहताज रहे. जिन्दा रहे खातिर रोटी-कपड़ा के अलावे कुछु ना मिलत रहे.

इहे गिरमिटिया के दरद के गाथा हउए “गिरमिटिया भारतवंशी” नाटक. पिछला दिनें रंगश्री के बैनर तले, २० सितम्बर के पूर्वा संस्कृति केन्द्र, दिल्ली में सभे के आँख एगो अलगे किसिम के दरद के झलक देखत आ महसूस करत रहे. महेन्द्र सिंह के निर्देशन में “गिरमिटिया भारतवंशी” के मंचन बहुते सफल आ सार्थक भइल. राजेश कुमार मांझी के लिखल एह नाटक के एक-एक सीन सभे के रोंवा खड़ा कर दिहलस. आपन संस्कृति के रक्षा करत कइसे भोजपुरी भाषी मजदूर रात-दिन एक करके ओह टापू पे एगो नया भारत बनावत बाड़न आ ओहिजा के माटी में आपन संस्कृति के पुष्ट बीया रोपत बाड़न आ रक्षा करत, उर्जा देत बाड़न से एह नाटक में देखे के मिलल. नाटक के सगरी दृश्य दर्शकन के भितरी से हिला के राख दिहलसि.

रामचरन के भूमिका में सौमित्र वर्मा के अभिनय देखे लायक रहे. पंड़ित के रोल में अखिलेश कुमार पाण्ड़ेय खुब नीमन जचले. बुधिया के रूप में रवि शंकर तिवारी आ रूबी के अभिनय करत महिमा जी सराहल गइली. लवकांत के रोल निभवलन आनंद आ रोजी नर्स बनके आइल सुचित्रा सिंह वाह वाही बटोरली.पद्मा के भूमिका में मीना राय के अभिनय नीमन लागल. सह कलाकार संजय कुमार, स्पर्श, शैलेन्द्र यादव, ऋषभ सभके अभिनय दमदार रहे. अंजू कुमार साह के कइल प्रकाश व्यवस्था बढ़िया रहल. सह निर्देशक सौमित्रा वर्मा के काम खुब सराहे जोग रहल.
­
महेन्द्र सिंह नाटक के मंचित करे खातिर दू गो मुख्य कारण बतवलन. पहिला नवोदित लेखकन के प्रोत्साहित करे के आ दूसरका, दिल्ली के प्रवासी भोजपुरी भाषी लोगन के हौसला अफजाई करे के आ उन लोगन के एगो प्रच्छन्न संदेश देके आपन कला-संस्कृति के ओर धेयान दिलावे के.

3 Comments

  1. omprakash amritanshu

    बहुत नीमन बहुत खूब !
    धन्यवाद !

    Reply
    • Mahendra Prasad Singh

      प्रिय अमृतांशु जी धन्यवाद,
      पहिला बेर भोजपुरी नत्योत्सव करे जा रहल बा रंगश्री जेकरा मे 26 Oct से 30 Oct 13 तक रोज एगो भोजपुरी नाटक के मंचन होई . सभ भोजपुरी नही छोहि भाई बहिन लोग सादर आमंत्रित बा. For detail see our facebbook a/c of Rangashree New Delhi

      Reply
  2. Rajesh Kumar Manjhi

    Dear Amritanshu ji,
    Mere Natak GIRMITIYA BHARATVANSHI ke manchan ki report publish karne ke liye aapka bahut bahut dhanyavad.
    Pl try to meet whenever you visit Delhi. I am working in Jamia Millia Islamia as Hindi Officer at present.
    Thank you once again for this good report.
    yours truely

    Rajesh Kumar “Manjhi”

    Reply

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *