लखनऊ 16 मार्च (वार्ता). विवादित रामजन्मभूमि मामिला में फरीक होखे के दावा करे वाला उत्तर प्रदेश शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी आजु कहलन कि इस्लाम का मुताबिक राम जनमभूमि पर बनावल गइल बाबरी मस्जिद पर नमाज ना त कबो जायज रहल, ना ही कबो हो पाई.
सैयद वसीम रिजवी के आजु जारी बयान में दावा कइल गइल बा कि रामजनमभूमि मसला पर उच्चतम न्यायालय का ओर से जारी फऱीकन का सूची में उत्तर प्रदेश सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नाम 50वां नम्बर पर बा. जबकि सुन्नी फरीक ई भरमावत बाड़ें कि शिया सेण्ट्रल वक्फ बोर्ड के पक्ष खारिज क दीहल गइल बा, जवन गलत बाति बा.
उनकर कहना बा कि बरीस 1528 में राम जनमभूमि पर मीर बाकी ऊ मस्जिद बनवले रहलें आ ऊ शिया मुसलमान रहलें. एह चलते सुन्नी मुसलमानन के ओह मस्जिद से कवनो सम्बन्ध नइखे. कहलन कि उनुका लगे कुछ खास कागजातो बा जवना के ऊ अदालत में सुनवाई का दौरान पेश करीहें.
कहलन कि बोर्ड के उमीद बा कि अदालत ओकरा के असली फरीक मालत ओकरा प्रस्ताव पर विचार करी जवना में कहल गइल बा कि बोर्ड आपन अधिकार खतम क के हिन्दू समुदाय के पूरा हक देता कि ओहिजा भव्य राम मन्दिर बनवा ले. इस्लामिक सिद्धान्त के मुताबिक कवनो झगड़ाह जगहा भा कब्ज़ावल जमीन पर नमाज़ ना पढ़ल जा सके.
ऊ इहो कहला बाड़न कि आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के ज़िम्मेदारी बनत बा कि ऊ इस्लामिक सिद्धान्त के मानल सुनिश्चित करावत ओह नवो मस्जिदन पर होखत नमाज़ के तुरन्ते बन्द करावे आ मुसलमानन के गुनाह से बचावे.
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