– मनोज भावुक
जिनगी भूलभुलइया
हम हेरा जातानी.
गलती उनकर बाटे
हम घेरा जातानी.
उ सरवा निर्लज्ज ह
हम डेरा जातानी.
ताकत होइहें पत्नी
हम डेरा जातानी.
हम कोल्हू के गन्ना
हम पेरा जातानी.
क्रोघ अम्ल हs ‘भावुक’
हम सेरा जातानी.
जिनगी भूलभुलइया
हम हेरा जातानी.
गलती उनकर बाटे
हम घेरा जातानी.
उ सरवा निर्लज्ज ह
हम डेरा जातानी.
ताकत होइहें पत्नी
हम डेरा जातानी.
हम कोल्हू के गन्ना
हम पेरा जातानी.
क्रोघ अम्ल हs ‘भावुक’
हम सेरा जातानी.
राउर भाव के भंवर में हम
भकुआ जातानी।
खूब नीमन।
Bhakuaain mat. raura creative aadmi bani…gaharai mein utari. …ha ha ha ha