आधी आधी रतिया के कुहुके कोइलरिया

आधी आधी रतिया के कुहुके कोइलरिया
राम बइरिया भइले ना मोरा अँखिया के निंदिया.

पुरुब के देसवा गइलें
मतिया मराई हो गइले
ई निरमोहिया भइले ना…

पूरबी गीतन के जनक आ सम्राट कहाए वाला कवि गीतकार महेंदर मिसिर जी के अद्भुत रचना दीपाली सहाय का आवाज में सुनि के मन गदगदा गइल !

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *