मार्केट मेंं जदि रहे के बा तऽ ……..
साल 1977 में वाराणसी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन में बिहार ईकाई के नारा रहल – ‘भारत में जदि रहे के बा त वंदे मातरम कहे के होई’. ओही नारा के बदल के आजु वाला लेख के मथैला बनवले बानी –
मार्केट में जदि रहे के बा तऽ
‘भाव भगवान ह’ कहे के होई !
एह लेख का साथे एगो पुरान हिन्दी फिलिम खूबसूरत के गाना इयाद पड़ गइल कि –
सारे नियम तोड़ दो,
नियम पर चलना छोड़ दो!
गाना के नीचे इंबेड कर दिहले बानी. अबहीं आईं मार्केट चरचा पर लवटल जाव.
कई बेर हमरा लागेला कि शेयर बाजार में वणिकई करे वाला खुदरा वणिकन के तुलना मुर्गी फार्म के चूजन से कइल जा सकेला. मुर्गी फार्म वाला एह चूजन के सहेज के राखेला, पर्याप्त दाना पानी देत रहेला. ओहनी के देखभाल में कवनो कमी ना आवे देव. बाकिर ओकर मकसद अंततोगत्वा इहे होला कि जब ई चूजा मुर्गा बन जइहें त एहनी के हलाल करे खातिर बाजार में बेच दी.
शेयर बाजार अपना एह चूजन के पूरा एहतियात से राखेला. जालो बिछावेला, दानो डालेला, आ संगे संगे इहो धिरावत-सिखावत रहेला कि बहेलिया आयेगा, दाना डालेगा, लोभ में आ के फँसना नहीं !
शेयर बाजार के सगरी जानकार आ बाजार नियामक सेबी ओ हमेशा बतावत रहेला कि सौ में से नब्बे वणिकन के एफएडओ ट्रेडिंग में नुकसाने होखेला. हमरा ई बात चेतावनी से बेसी वणिकन से माईंडगेम खेले वाला लागेला. करीब करीब सगरी सलाहकार आ सेबी के इहे कहना रहेला कि आप्शन ट्रेडिंग में नुकसाने होखेला. एकर मकसद होखेला कि वणिकन के मानसिक रूप से तइयार क के राखल जाव कि एहिजा त नुकसाने होखे वाला बा. बाकिर ओकनी के ललचावहूं में कवनो कोर-कोसर ना छोड़ल जाला. आप्शन ट्रेडिंग से बेहिसाब कमाई के सपना देखा देखा के वणिकन के एह बाजार में बोलावल जाला. ऊ आवेलें एह जोखिम भरल बाजार में आ बहुते कम पूंंजी का साथे. चूंकि ओह लोग के पहिलहीं से नुकसान उठावे खातिर तईयार करावल रहेला से ऊ लोग पूंजी गँवा के लवटि जाला. बाकिर कुछ दिन बाद फेर कुछ पूंजी ले के एह बाजार में आ धमकेला. काहे कि एक बेर जे ई नशा लाग गइल त छोड़वले ना छूटे.
एहिसे हमार कहना बा कि ‘सारे नियम तोड़ दो, नियम पर चलना छोड़ दो!’
विषयान्तर ना होके एही से जुड़ल होला ई सवाल कि सबले बड़हन जोखिम के उठावेला ? आ एकर जवाब होला ऊ जे कवनो जोखिम ना लेबे के बात करेला. कवनो जोखिम ना उठवला से बड़का जोखिम कुछ अउर होईए ना सके. सिर की कीमत का भान हुआ तो त्याग कहाँ बलिदान कहाँ. गरदन इज्जत पर दिये फिरो तो मजा यहाँ जीने का है !
त चलीं पहिले ई जान लीहल जाव कि जानकारन का राय में आप्शन ट्रेडिंग के कुछ खास नियम का होला –
1) बाजार खुलला का पहिला घंटा में कवनो सौदा मत करीं. बाजार के देखीं कि केने जात बा, का करत बा. तब तय करीं कि का करे के बा.
2) हमेशा छोटहन नुकसान वाला स्टॉपलॉस लगाईं आ बड़का मुनाफा के इन्तजार में मत रहीं. काहें कि जवनो मुनाफा लउकत बा ऊ देखते देखत नुकसान में बदल जाए वाला बा.
3) गलतियो से कभी आप्शन ट्रेड अगिला दिन ला बचा के मत रखीं. मुनाफा होखे भा नुकसान बाजार बंद होखे का बेरा निकल लीं.
4) कबो बाजार से लड़े के मत सोचीं. बाजार अपना चाले अपना राहे चले वाला बा आ रउरा बस ओकरे पीछे चले के चाहीं.
आजु एह लेख में निवेश के चरचा नइखे होखे वाला. काहे कि निवेश कइल आ ट्रेड कइल दुनू अलग होला. एक के नियम दोसरका पर ना लगावल जा सके. एहसे एहिजा हम आप्शन के खरीददारन का नजरिया से चरचा करे वाला बानी. सेबी का हिसाब से हम ना त कवनो शोध-विश्लेषण करे वाला हईं, ना निवेश सलाहकार. हम अपना बीसन बरीस के अनुभव साझा करत रहीलां. रउरा माने के होखे त अपना जोखिम पर मानीं. अब आईं एक एक करके एह नियमन के देखल जाव –
पहिला नियम कहेला कि बाजार खुलला का पहिलका घंटा में कवनो सौदा मत करीं. काहे कि ई बड़का खिलाड़ियन के खेले के मैदान होखेला. एक तरह से कहीं त ई स्वर्णिम काल होखेला कवनो ट्रेडिंग डे के. ओकरा बाद के तीन चार घंटा खुदरा वणिकन के बझावे फँसावे में लगावल जाला.
दुसरका नियम कहेला कि बिना स्टॉपलॉस लगवले कवनो ट्रेड मत करीं. रउरा के छोट छोट स्टॉप लॉस लगावे के सलाह देबे वाला आप्शन सेलर अपने बड़का बड़का स्टॉपलॉस लगवले राखेलें. बाजार कबो सीधा चाल ना चले. जब चलेला त लहरिया के आ हर लहर कुछ ना कुछ खुदरा वणिकन के स्टॉपलॉस घोंटत जाला हर लहर मे.
तिसरका नियम बतावेला कि कबो गलतियो से आपन आप्शन सौदा अगिला दिन खातिर सम्हार के मत राखीं. जबकि बड़का खिलाड़ी हमेशा इहे करत रहेलें आ अगिला दिने गैप अप भा गैप डाउन करा के खुदरा वणिकन के बैंड बजावत रहेले.
आप्शन ट्रेड मे गामा, थिटा, डेल्टा, वेगा के जाल खुदरा वणिकन के फँसावे खातिर होला. सभे जानेला कि खुदरा वणिक एह गामा, थिटा, डेल्टा, वेगा का बारे में अनजान होखेंले आ अगर जाने के कोशिशो करीहें त कुछ बुझाई कुछ बुझइबे ना करी. इहो एगो माइन्ड गेम जइसन होखेला जवना से खुदरा वणिकन के नुकसान उठावे ला मानसिक रूप से तइयार करावल जाला.
चउथका नियम कुछ हद ले सही मानल जा सकेला. बाकिर एकरो फायदा ऊ ट्रेडर उठा सकेलें जे कन्ट्रा डील, उल्टा चाल चलेलें.
नियम अतने ना होखे आ ओकरा के कवनो क्रम में डालल ना जा सके आ एहू चार गो नियमन का साथे उहे बात बा.
अब काल्हुए शुक का दिने बाजार के एगो नमूना नीचे दीहल चित्र में देख लीं. काल्हु रिजर्व बैंक के नीति के घोषणा होखे वाला रहुवे जवना से बाजार शुरु में डेराइल सहमल चलत रहल. अचके जइसहीं घोषणा कइल शुरु भइल देखते देखत अचके में एगो बड़हन उछाल आ गइल आ एह उछाल में ऊ सगरी लोग के लील लीहल गइल जे आपन पुट खरीद के बइठल रहलें. आ फेर देखते देखत गिरावट शुरु हो गइल आ एह गिरावट में काल खरीद के बइठल लोगन के स्टॉपलॉस टूटत चल गइल. दुनू तरफ के माल समेटला का बाद बाजार अपना चाले चल दिहलसि. आ बस तीस मिनट का बीच करोड़ों अरबन के सौदा सलटा लिहलें बड़का वणिक.
एगो बात जे खुदरा वणिक ना समुझसि ऊ ई होला कि निवेश आ ट्रेडिंग के नियम नजरिया एक दोसरा से बिल्कुल अलग होला. निवेश के तरीका से ट्रेड करे चलब त हेलल हेलल भईंसिया पानी में होखत रही आ रउरा गावत रह जाएब कि दूहहूं ना पवनी जवानी में. जब सौदा निपटा सकत रहीं तब त सोचनी कि कुछ अउर मुनाफा हो जाव. एह से थथम गइनी आ जब ले आँख खुलल तबले अतना देर हो चुकल रहुवे कि लॉस लेबे के हिम्मत ना भइल.
एही से कहनी कि सारे नियम तोड़ दो, नियम पर चलना छोड़ दो. बाजार कवनो नियम पर ना चले. बाजार के चाल हमेशा आतार्किक होखेला आ जानकार कहावे वाला लोग हमेशा कारवां गुजरला का बाद गुबार के विश्लेषण कर के आपन ज्ञान देखावे में लाग जालें.
हर वणिक के समुझ, ओकर मनोभावना, आर्थिक औकात, जोखिम लेबे के बेंवत, वणिक करे के तरीका, काम करे के माहौल अलग अलग होखेला से कवनो एगो तरीका सभका ला सही ना हो सके. रउरा अपना परिस्थिति का हिसाब से एगो तरीका बना लीं आ ओकरे हिसाब से चलल करीं.
हम अपना रणनीति के चरचा करे चलब त ई अनैतिक होखी. काहेंकि नुकसान उठावत उठावत अब हम ओह दौर में आइल बानी जब मैच ड्रा होखे लागल बा. हर सौदा ट्रेडिंग ना कहाला. हर सौदा एगो ट्रेड होला आ कई गो ट्रेड मिला के ट्रेडिंग बनेला. एहसे कवनो ट्रेड में लॉटरी लाग जाव भा कवनो ट्रेड में दिवाला पीटा जाय ई त हो सकेला. बाकिर हफ्ता, महीना, भा साल का आखिरे में रउरा अपना ट्रेडिंग के सही मूल्यांकन कर पाएब. हँ सौदा करे के एगो तरीका बतावल जा सकेला कि –
रउरा काल आ पुट दुनू खरीद लीं. दुनू इन द मनी होखे के चाहीं आ दुनू का बीच में एगो निकहा अन्तर होखे के चाहीं. खरीद लिहला का बाद रउरा एगो बड़हन चाल के इन्तजार करीं. एह दौरान या त काल ना त पुट रउरा के फायदा देत होखी. ओह फायदा के उठा लीं बाकिर जतना जल्द हो सके फेर ओह तरफ के एगो सौदा खड़ा कर लीं. अगर पिछला चाल बहुते बड़हन मिल गइल होखे त दोसरा तरफ के चाल के डबल अप कर लीं आ मुनाफा लीहल चाल के दुबारा चल दीं. ई दू तरफा कैँचिया दाँव एक तरह के बीमा के काम करेला. एकरा से राउर लाभ त कम हो जाई बाकिर नुकसानो के खतरा कमे बनल रही.
दुनू तरफ के सौदा के एक साथ मत देखीं. मान के चलीं कि दुनू सौदा के आपस में कवनो बोलचाल नाता रिश्तेदारी नइखे. हर चाल के ओकरे हिसाब से चलल करीं काहें कि बाजार कबो सीधा राहे ना जाव हमेशा कवनो नशेड़ी का तरह डगमगात चलेले. आ रउरा दुनू तरफ के सौदा में कुछ ना कुछ निकाले के मौका मिलत रही. एक बेर ले लीहला का बाद तब ले बनल रहीं जब ले ओह आप्शन के एक्सपायरी डेट नियरा नइखे जात.
रोज साँझ के दिन भर के हिसाब किताब देखत रहीं. देखीं कि कहां का गलत चाल हो गइल, कहां चाल चले के मौका बांव चल गइल. आ ट्रेड से ना ट्रेडिंग से अपना नफा नुकसान के आकलन करीं. महीना में दू फीसदी भा बेसी के आमदनी होखत होखे त बहुते सफल कहाएब रउरा. आ ई दू फीसदी ओह पूरा कैपिटल पर होखे के चाहीं जवन रउरा ट्रेडिंग खातिर लगा के रखले बानी.
चलत चलत फेर रेघरियावल चाहत बानी कि –
लीक लीक गाड़ी चले, लीकही चले कपूत.
लीक छोड़ तीनों चले, शायर, सिंह, सपूत !
आ वायदा मुताबिक सारे नियम तोड़ दो गाना नीचे दीहल जा रहल बा –
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