Category: साहित्य

गरीबी

– संतोष कुमार पटेल जे सोना के चम्मच लेहले जनमल ऊ का जानि गरीबी का हऽ? काथी हऽ लाचारी, बेकारी का हऽ, काथी हऽ बेमारी? जेकर जनम एयर कंडीसन में भईल ऊ का जानी पूस के रात का हऽ, टटाइल भात का हऽ, का हऽ रोटी झूराइल, का हऽ भूख से...

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आजु पहिली तारीख हऽ

– प्रभाकर पाण्डेय “गोपालपुरिया” रातिभर दुनु परानी सुति ना पउवींजा. करवट बदलत अउर एन्ने-ओन्ने के बाति करत कब बिहान हो गउए, पते ना चलुवे. सबेरे उठते मलिकाइन चाय बना के ले अउवी अउर कहुवी की जल्दी से तइयार होके आफिस चलि जाईं....

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एगो प्रेम प्रलाप

– डॉ. कमल किशोर सिंह तनि सुनी एगो बात, नाहीं झूठ, कहीं सांच. रउआ बिना आपन जिनिगी पहाड़ लागेला. काटे धावे घर, नीक लागे ना बाहर, जगवा में सब कुछ बेकार लागेला. रतिया के बतिया सुनाई का संघतिया, दिनवो में हमरा अन्हार लागेला....

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भूत बा कहाँ

– डा॰ सुभाष राय जाड़ा जब हाड़ ठिठुरावे लागेला त सगरो गाँवन में कउड़ा के बहार आ जाले. दुवारे से थोरिक लम्मे घर भर क कूड़ा जोरि के रखि दिहल जाला अउर सूखल रहेट्ठा तोरि के ओकरे उप्पर डारि दिहल जाला. फेरू ओके बारि के पास-पड़ोस...

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गर्मी कइलस बेहाल

– नूरैन अंसारी बहत बिया सर-सर पुरवा बयरिया. धधकत बा आग, चले लू के लहरिया. घर से कहीं निकलल मोहाल भइल बा. भाई हो गर्मी से जिअरा बेहाल भइल बा. लागत बा चईत जइसे जेठ के महीना. चुअत बा माथा से तर-तर पसीना. किरपा अइसन करत बाड़ी...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।