Category: कविता

केशव के गजल – 2

– केशव मोहन पाण्डेय 1. ग़ज़ल एतना नीचे ना गिरऽ कि शरम छोड़ द, हार आ जीत के कुछ भरम छोड़ द. वसूल जिनगी के सबके अलग होखेला, ऊ मुहब्बत छोड़ें, तू हरम छोड़ द. दरिया काग़ज़ के कश्ती से डरबे करी, शर्त, अइसन कुछ आपन करम छोड़ द....

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हम बच्चा हिंदुस्तानी

– ओमप्रकाश अमृतांशु हम बच्चा हिंदुस्तानी आगे-आगे बढ़ब जा. आगे-आगे बढ़ब जा. पीछे ना मुड़ब जा . पीछे ना मुड़ब जा . उषा के किरणन संग जगना, हर मुश्किल से लड़ना, सिखलीं मस्त पवन से, ना कबो केहू से डरना. हम नन्हा हईं तूफानी. आगे-आगे...

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केशव के गजल

– केशव मोहन पाण्डेय (1) ग़ज़ल खुशहाल जिनगी भी जहर हो जाला। दिल के दुआ जब बेअसर हो जाला।। लाख जतन कइला पर भी मिले ना मंजिल, डगमगात कदम जब कुडगर हो जाला।। सुन्न अंखियन से छलक जाला समुन्दर, हिया में याद के जब कहर हो जाला।।...

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दू गो कविता

– दुर्गा चरण पाण्डेय (१) आपन बिपत साठ साल के भइल उमर बानी परेसान कचहरी से. रोज रोज होला झगड़ा सुतहीं के बेरा मेहरी से. लइका ह त पइसा खातिर मुड़िए पर मेड़राइल बा. साहु जी साइकिल छिन के रखलें, कुबड़ी के खाँसी जोड़िआइल बा. कउआ करे...

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पाप के कमाई

– ओम जी ‘प्रकाश’ रंडी, पतुरिआ का उपर फूंकाई! चोरी क पइसा त चोरी में जाई!! तिकड़म भिड़ा लिहलऽ, धन त कमा लिहलऽ मड़ई का जगहा तूँ कोठी उठा लिहलऽ नोकर आ चाकर से गाड़ी आ मोटर से दुअरा प मेला बा चमचन के रेला बा बाकिर ना...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।