Category: कविता

लहरे तिरंगा सजि धजि पूरा देशवा में

– रामरक्षा मिश्र विमल लहरे तिरंगा सजि धजि पूरा देशवा में पसरेले अङना दुअरिया अँजोरिया हरियर धरती चंदनिया पियर बीचे गह गह सगरी बधरिया अँजोरिया. असहीं आजाद हिंदुस्तान रहे जुग-जुग सगरी जहान फइलावे के अँजोरिया. आन बान शान...

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दू गो गजल

– रामरक्षा मिश्र विमल १ जहें नेह लागल दरदिए मिलल बा कबो फूल कँहवा अङनवा उगल बा ? कबो लहलहाइल ना बिरवा सपन के कतनो नयनवा से पानी ढरल बा कल तक पियावल जे अँजुरी से अमिरित ओकरे अँजुरिया जहर से भरल बा केकरा से आशा बिस्वास के पर...

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गीत

– रामरक्षा मिश्र विमल खरके मड़इया के सींक रहि रहि टङाला परान. सूरज सुतल बाड़े रतिया उतान परसो होई एक पल के बिहान मन के जवन लागे नीक ओही प मनई के शान. खतरा बा लँघला प आपन सिवान कठवति के गंगा में कउवा नहान बनि जाला जीवन के...

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गजल

– डा॰अशोक द्विवेदी कम में गुजर-बसर रखिहऽ! घर के अपना, घर रखिहऽ! मुश्किल-दिन जब भी आवे दिल पर तूँ पाथर रखिहऽ. जब नफरत उफने सोझा तूँ ढाई आखर रखिहऽ. आपन बनि के जे आवे सब पर खास नजर रखिहऽ. दर्द न छलके ओठन पर हियरा के भीतर...

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अँगनवा लागेला परदेस

– शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’ सावन आइल तूँ ना अइलऽ गइलऽ कवना देस अँगनवा लागेला परदेस! हरियर धरती लगे सुहावन, करिया बदरा डोले, दुअरा पर झिंगुर झँकारे, ताले दादुर बोले, पानी-भरल बदरिया झूमे, उड़ा के करिया केस. अँगनवा...

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