Category: कविता

गीत

– रामरक्षा मिश्र विमल खरके मड़इया के सींक रहि रहि टङाला परान. सूरज सुतल बाड़े रतिया उतान परसो होई एक पल के बिहान मन के जवन लागे नीक ओही प मनई के शान. खतरा बा लँघला प आपन सिवान कठवति के गंगा में कउवा नहान बनि जाला जीवन के...

Read More

गजल

– डा॰अशोक द्विवेदी कम में गुजर-बसर रखिहऽ! घर के अपना, घर रखिहऽ! मुश्किल-दिन जब भी आवे दिल पर तूँ पाथर रखिहऽ. जब नफरत उफने सोझा तूँ ढाई आखर रखिहऽ. आपन बनि के जे आवे सब पर खास नजर रखिहऽ. दर्द न छलके ओठन पर हियरा के भीतर...

Read More

अँगनवा लागेला परदेस

– शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’ सावन आइल तूँ ना अइलऽ गइलऽ कवना देस अँगनवा लागेला परदेस! हरियर धरती लगे सुहावन, करिया बदरा डोले, दुअरा पर झिंगुर झँकारे, ताले दादुर बोले, पानी-भरल बदरिया झूमे, उड़ा के करिया केस. अँगनवा...

Read More

दोहावली

– (स्व॰) मोती बी॰ए॰ मों तो मोती बावरा यद्यपि हों जलजात सीपी में सागर तिरे, सीप न सिन्धु समात. स्वाति बून पाके मगन, गहिरे गहिरे पइठ मोती ले के गोद में, गइल अतल में बइठ. गोताखोर सराहिये साहस विकट कराल पइठ सिंधु के पेट से...

Read More

कविता के जरुरत बा

– रवि कुमार गिरी गुरुजी न सार के जरुरत बा न बिचार के जरुरत बा , कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा , सोच होखे समझ होखे एपर केहू ध्यान ना दी , चटक मटक लिखी समाज के कुछ ज्ञान ना दी , पाहिले लोग खोजत बा कुछ खुला कुछ कसाव ,...

Read More

🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।