जिंदगी के ग़ज़ल
– मनोज भावुक हजारो सपना सजा के मन में चलत रहेलें मनोज भावुक गिरत रहेलें, उठत रहेलें, बढ़त रहेलें मनोज भावुक एह जिंदगी के सफर में उनका तरह-तरह के मिलल तजुर्बा ओमे से कुछ के ग़ज़ल बना के कहत रहेलें मनोज भावुक ऊ जौन भोगलें, ऊ...
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