बतकुच्चन – ४२
बतकुच्चन करत हमेशा याद रहेला कि बाते से आदमी पान खाला आ बाते से लात. अब बाति आ लात के अतना घन संबंध देखला का बावजूद बतकुच्चन के लति धरा गइल बा आ लति धरा जाव त फेर आदमी परिणाम के फिकिर छोड़ देला. हालांकि जरूरी नइखे कि लति हमेशा...
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