बतकुच्चन – ७८
ठाँवे-ठाँवे ठठ के ठठ लोग दोसरा के ठोकत-ठेठावत ठाँय-ठाँय करत ठाँव नइखे लेबे देत. संजोग बा दुर्योग से ओहू ठठ के नेता ठए धातु के हउवन स. अब ठए से ठठेरो होला, ठए से ठाकरे आ ठाकुरो होला. ठाकुर के कवनो खास जात ना होखे. बाभनो ठाकुर...
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