Tag: लस्टम पस्टम

नेता बने के सोचले छोड़ दिहले रामचेला

– जयंती पांडेय जबसे तरह तरह के घोटाला के केस में नेता लोग दनादन जेल जाये लागल तबसे रामचेला बड़ा मायूस हो गइले. मुँह सड़ल आम अस बना लिहले आ चेहरा ओल अस लटका लिहले. बाबा लस्टमानंद के बड़ा माया लागल. लगे जा के पूछले, का हो...

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अर्थ बा त समर्थ बा ना त बेअर्थ बा

– जयंती पांडेय हम भ्रष्टाचार के भविष्य के ले के निश्चिंत बानी. ई एकदम सत्य ह कि खाली हमनिये के देस में भ्रष्टाचार अउर भ्रष्टाचारियन खातिर तमाम संभावना आ सुविधा बा. हमनिये के ई हुनर हऽ कि हमनी का कतहियों, कबहुँओं करप्शन के...

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बाढ़ि खातिर व्याकुल नेता जी

– जयंती पांडेय का हो बाबा, काल्हु गइल रहीं नेताजी से भेंट करे. बड़ा उदास आ मायूस लागत रहले. हर बतिये में कहीं ना कहीं से बाढ़ के घिंच ले आवत रहले. हमरा कुछ ना बुझाइल. हम त बूझनी कि कहीं अण्णा बुढ़ऊ के भ्रष्टाचार मेटावे वाला...

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भ्रष्टाचार आ सदाचार के रिश्ता

– जयंती पांडेय अण्णा के अनशन देखि सुनि के बेचैन रामचेला बाबा लस्टमानंद से कहले, बाबा ई सब का हो ता ? बाबा कहले, ई गीता के नया ज्ञान के अवसर ह, भ्रष्टाचार मेटावे के महाभारत में दुनु इयोर से मोर्चा तइयार ब. दुनु इयोर के लोगन...

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बाबा हजारे आ हजार गो बात

– जयंती पांडेय जबसे बाबा अण्णा हजारे अनशन के जिद पर खड़ा हो गइले आ देस के लाखन लोग मोमबत्ती ले के एने ओने जमा होखे लागल तबसे दू गो चीज के दिन बहुर गइल. एगो गाँधी टोपी के आ दोसरे मोमबत्ती के. एकरा साथ भ्रष्टाचार आ बेईमानी पर...

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