Tag: लस्टम पस्टम

ई जग ह भ्रष्टाचारी !

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद लमहर सांस घींच के कहले, हो राम चेला ई कुटिल, कपटी जुग में अबहियों कातना लोग भेंटाता ई कहे वाला कि “हम आजु ले कवनों भ्रष्टाचार नइखी कइले. नाजायज पइसा के हाथ से छुअल का हम त ओकरा इयोर तकबो...

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भ्रष्टाचार एनहु-ओनहुं चारू इयोर

– जयंती पांडेय सियावर बाबू के मुँह पर बड़ा दिन का बाद हँसी लउकल. बाबा लस्टमानंद से ना खेपाइल. सियावर बाबू सरकारी अफसर हउवन. सरकारी कर्मचारी अउर आफिसन के बारे में सब कुछ जाने ले. एही से जब ऊ भेंटास त मुँह माहुर अस कइले रहस....

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का हो गइल ई देस के भगवान !

– जयंती पांडेय एकदिन एगो नेताजी अपने दुलरुआ बेटा से पूछले – बाबू रे, तें आगे जा के का बने के चाहऽतारऽ ? माने कि जिनिगी में आगे जा के का करे के इरादा बा ? उनुकर बेटा टप दे कहलसि – बाबूजी, हम त आगा चल के नेता...

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नरक के समर्थन में नेताजी के नारा

– जयंती पांडेय सड़क दुर्घटना में एगो वरिष्ठ नेता के मृत्यु हो गइल. उनकर देह तऽ खैर देश के अमानत रहे, से चारू ओर शोक मनावल जात रहे लेकिन नेताजी के आत्मा के देवदूत लोग स्वर्ग के दुआर पर ले आई के खड़ा कऽ दिहल लोग. दुअरा पर...

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मूस के सीख आ शेर के तमेचा

– जयंती पांडेय ई जान जा भाई, मूस चाहे जवना पार्टी में होखो बाकिर सलाह दिहला से बाज ना आवे. ऊ अपने चाहे जवन करऽ सन बाकिर ई ना चहिहें सन कि लोगो ऊहे करो. अइसने एगो मूस जंगल में भाषण ना दे के सलाह दिहला के सरकारी मिशन पर...

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