Tag: लस्टम पस्टम

हरला के हरिबोल

– जयंती पांडेय जान जा राम चेला अबकि के चुनाव के अजबे हाल बा. नेताजी हार गइले लेकिन दुखी नइखन. काहे कि उनका दुख में शामिल होखे वाला केहु नइखे. सबलोग पार्टी के खुशी में शामिल बा. पार्टी जीत गइल ओह में नाच रहल बा. एगो नेताजी...

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जेकरा लगे लाठी ओही के लगे भईंस

– जयंती पांडेय नेताजी काल्हु दुपहरिया में गावें अइले. चुनाव के मौसम बा ना त ऊ अइसन जरत दुपहरिया में एसी से निकले वाला जीव ना हउअन. काम रहे सब वरकरन के चुनाव के पाठ पढ़ावल. वइसे त ऊ पिछलको चुनाव में ई पठवा पढ़वले रहले लेकिन...

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अरे, रंग बरसे भीजे चूनरवाली.. अरे कैसे रे भाई !

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद आ रामचेला फगुआ में कोलकाता अइले. उहां मिडल क्लास में पढ़े वाला उनकर नाती जब पूछलस कि बाबा हो ‘रंग बरसे भीजे चूनर वाली..’ गीत के माने का होई. सांचो हो पहिले त बाबा कबीर कहत रहले ‘बरसे कमर भीजे...

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गांवो में फइलल किरकिटिया बेमारी

– जयंती पांडेय ओह दिन गांव के बूढ़ नथुनी बाबा के देहांत हो गइल. इंडिया आ पाकिस्तान के क्रिकेट मैच रहे ओह दिन. ऊ का दो बीस-बीसा (20-20) कहाला, उहे मैचवा रहे. मुअले सांझ के. आ गांव के नौजवान दल गायब. खाली बूढ़ लोग ओहिजा आइल....

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भाग से भेंटाला नीमन पड़ोसी

– जयंती पांडेय पाकिस्तान आ भारत के प्रधानमंत्री लोग बतियावता कि झगरा मेटा लिहल जाउ लेकिन झगरा मेटी का? कबहुओं ना. ई झगरा ओइसने बा जइसन खदेरन आ मनरखन के झगड़ा. ई झगड़ा के चर्चा गांव भर में रहे. दूनो जाना पड़ोसी आ दूनो में...

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