Tag: लस्टम पस्टम

अखबार के मोकबिला इंटरनेट से

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद गाँव से कोलकाता अइले. इहाँ उनुका एक जाना प्रोफेसर भेंटइले. जइसन नाँव वइसन सुभाव. नांव किरपा जी आ सुभावो एकदम किरपालु. बाबा से बतियावत में उनका से दोस्ती हो गइल. पता चलल कि ऊ प्रोफेसर साहेब...

Read More

मवेशी डाक्टर के साँसत

– जयंती पांडेय एक हाली मास्टर काली सिंह इस्कुल से लवटत रहले. उनका कवनो बात के बतंगड़ बना के कुछ ना कुछ करत रहे के आदत ह. हठात ब्लॉक के सामने मवेशी डाक्टर साहेब के दवाखाना में ढूकि गइले. रामचेला आ बाबा लस्टमानंद अपना कवनो...

Read More

अब छपरा में घूमी अमेरिका के गोइना

– जयंती पांडेय हमरा बिहार के मुख्यमंत्री जी जबसे भाजपा के संगत छोड़ले तबसे रोज कवनो ना कवनो बवाल में फंसल जातारें. अबहीं मोदी के ममिला सुलझल ना रहे कि तड़ दे मिड डे मील के कांड हो गइल. बेचारू के ना में दम आ गइल बा. ई सूचना...

Read More

अपना देश के राजनीति में अब थूकवाद

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद सुर्ती फाँक के रामचेला के कहले, जान जा ए बबुआ, आजकाल्हु अपना देस के राजनीति में कई गो नया तरह के वाद चल गइल बा. जइसे आजादी के जमाना में गाँधीवाद चलल रहे आ नेहरू-शास्त्री के जमाना में लोहियावाद...

Read More

चिठी लिखल केहु सही कइल केहू …

– जयंती पांडेय सबेरे सबेरे राम चेला बतवले कि ठठपाल पांड़े के दुअरा पर मार लोग बिटोराइल बा आ पंचइती हो रहल बा. बाबा तुहूं चलऽ. बात का बा? लस्टमानंद सवचले. रामभरोसे बतवले कि ठठपाल के बेटिया भकजोगनी के केहु लभ लेटर लिखले बा...

Read More