Tag: लस्टम पस्टम

भुखाइल पेट के सांच

– जयंती पांडेय छपरा में दुपहरिया के भोजन क के 23 गो लईका मर गइले सन एह बात से दुखी बाबा लस्टमानंद नेताजी से पूछले कि, हे सरकार, अइसन काहे हो ता? लइकन के जियरा त अंखड़ेरे चल गइल. लईका देश के भविष्य होले सन. नेताजी के रासा...

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एक दिन बेटी खातिर तीरथ-व्रत करी लोग

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमानंद के घर के सामने तिवारी जी के घर बा. बाबाजी गाय भैंस पोसले बाड़े आ पोता होला के आस में दूध बेच दे तारे, पोती लोग के दूध ना पियइहें. तिवराइन कहेली कि ‘का जाने कहां से ई लछमी जी लोग दउरल-दउरल चल...

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सावधान, कुकुरन में आदमी के गुण आवऽता

– जयंती पांडेय लस्टमानंद से उनकर एगो संहतिया गोपाल जी भेंटइले. लगले कहे, भाई हो, पहिले घर के दरवाजा पर लिखल रहत रहे ‘अतिथि देवो भव:’ लेकिन आज काल्हु घर के गेट पर लिखल रहऽता ‘ कुत्तों से सावधान.’ गोपाल जी ठीके कहले. जान...

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बकरी के महिमा आ गाँधी जी के विचार

– जयंती पांडेय बात चलल बकरी पर आ गांधी बाबा के परम भगत ठठपाल बाबा भिड़ गइले बाबा लस्टमानंद से. गांव में हीरा फुआ आपन बकरी के कमाई से एगो लईकी के बियाह क दिहली. एही बात पर बात निकलल आ बकरी पर आ गइल. बाबा लस्टमानंद कहले कि...

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सब केहुए पीएम बनल चाहऽता

– जयंती पांडेय आजकाल लोग के ना जाने का हो गइल बा. ना केहु के भूखि लागऽता ना पियास, ना गरमी के परवाह ना लू के. जेकता के देखऽ परधानमंत्री बने के चक्कर में लागल बा. घूरहू से ले के रामचेला ले आ लस्टमानंद से ले के लंबोदर पांड़े...

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