गन्हात, बजबजात पत्रकारिता के आईना देखावत एगो उपन्यास
– अशोक मिश्र आजु समाज के हर क्षत्र में गिरावट आइल बा, आवत जा रहल बा. त भला पत्रकारिता एकरा से बाचल कइसे रह जाईत. पिछला दू दशक में राजनीति आ पत्रकारिता में बहुते तेजी से गिरावट आइल बा. पइसा, चमक दमक, रुतबा आ दलाली के पर्याय...
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