Tag: कविता

चइता

– डॉ.कमल किशोर सिंह चिकित्सक के चइता रामा कहेलें कन्हैया सुनहो प्यारी राधिका हो रामा हमरा के – मक्खन अब ना खियाव हो रामा हमरा के —— रामा खाई के मक्खनवा बढ़वनी वजनवा हो रामा , रक्त-चाप – रक्त- चाप...

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कुछु समसामयिक दोहा

– मुफलिस देइ दोहाई देश के, लेके हरि के नाम. बनि सदस्य सरकार के, लोग कमाता दाम.. लूटे में सब तेज बा, कहां देश के ज्ञान. नारा लागत बा इहे, भारत देश महान.. दीन हीन दोषी बनी, समरथ के ना दोष. सजा मिली कमजोर के, बलशाली निर्दोष.....

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चइत के छन्द – चइता

– डा॰अशोक द्विवेदी कोइलरि कूहे अधिरतिया आ बैरी चइत कुहुँकावे. रहि रहि पाछिल बतिया इ बैरी चइत उसुकावे. कुरुई-भरल-रस-महुवा, निझाइल कसक-कचोटत मन मेहराइल उपरा से कतना सँसतिया, आ बैरी चइत कुहुँकावे. फगुवा गइल दिन कटिया के आइल...

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बाबा बोलऽ ना

– डॉ.कमल किशोर सिंह देखलऽ कइसन सपनवा, बाबा बोलऽ ना पूछेला जहनवा सब बच्चा बुढ जवनवा बाबा बोलऽ ना……. देखलऽ कइसन सपनवा, बाबा बोलऽ ना. मौन काहे बाड़ऽ, काहे कइलऽ अनसनवा, बोलऽ कइसे होई तहार मनसा पुरनवा बाबा बोल ना...

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माई के इयाद

(पाती के अंक 62-63 (जनवरी 2012 अंक) से – 11वी प्रस्तुति) – मनोकामना सिंह शाम के, घर लवट के अइला पर देख के चेहरा उदास पूछली माधो के मेहरारू रउरा मुँह काहे लटकवले बानीं? बंगला के पाँच अस बनवले बानीं ? कहलें माधो, ”का...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।