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सही मेहनत उर्फ परम चालू के सफलता-कथा

– आलोक पुराणिक

AlokPuranik
गुरुदेव दीक्षांत समारोह में घोषित कइलन – हम तीन गो टापर घोषित करत बानी – कर्मठ, चालू, अउर परमचालू. हमरा उमेद बा कि एह महाविद्यालय से बहरि जा के ई लोग हमार नाम रोशन करी. एह मौका पर इहो बतावत बानी कि आजु से पाँच साल बाद एहमें से जवन विद्यार्थी सबले अधिका उन्नति क के देखाई ओकरा के एह महाविद्यालय के चेयरमैन बना दिहल जाई.

कर्मठ नाम वाला विद्यार्थी तरह-तरह के इम्तिहानन के तइयारी शुरु क दिहलसि. कश्मीर से लिहले कन्याकुमारी ले आ करौली से लगवले कलकत्ता ले तमाम इम्तिहान देत ओकरा सोझा इहे साॅच उभरल कि हे आसकरन, तोहरा बस में बस इम्तिहानन में बइठल बा. एकरा फल पर तोहर अधिकार नइखे. ओह पर अधिकार ओहनी के बा जे मुख्यमंत्री के जाति के होखे, परीक्षक मंडल के अधिकारिय के नात रिश्तेदार होखे. एह तरह 97987897984 इम्तिहान दिहला का बाद ओकरा अंडमान निकोबार के जरवा आइसलैंड में चपरासी के नौकरी मिलल. आ एकरा पीछे इहे कारण रहे कि अतना दूर जाे ला परीक्षक मंडल के अधिकारियन के कवनो रिश्तेदार राजी ना रहल.

चालू नाम के विद्यार्थी सीधे जाके एगो मंत्री के गोड़े पड़ ग‎इल आ कहलसि – हमहु भूमिहार हईं, रउरो भूमिहार हईं. हमार भला करीं. नेता ओकरा से आपन चंपी-पालिश करवावल शुरु क दिहलसि. गँवे-गँवे ओकर प्रमोशन भइल. ओकरा काम सँउपल गइल कि उ अपना नेताजी के विरोधियन का बारे में अखबारन में खबर छपवावे कि फलां स्मगलर ह, फलां चोर ह. उ फलां त महाठग ह. हर महीने उ ई खबर छपवावे लागल कि नेताजी अगिला रि-शफल में अउरी बड़ मंत्री बनेवाला बाड़न. एह तरह के खबर छपला से नेताजी के दरबार में कटे ला आवेवाला मुरगन के गिनिती में बढ़ोत्तरी होखे लागल. चालू के अइसन सेवा से नेताजी प्रसन्न भइलन आ ओकरा के अपना सर्वेंट क्वार्टर में जगहा दे दिहलन.

एक दिन मौका पाके चालू नेताजी से जाके कहलसि – महाराज, रउरा कंस्टूटेंसी के हउ विधायक एह घरी रउरा दरबार में अब कुछ कमे आवत बा. आइबो करेला त रउरा बातन पर ओह तरह वाह-वाह ना करे जइसे पहिले करत रहे. आ हम त इहो सुनत बानी कि उ आब रउरा मुकाबिलो लोग का दरबार में हाजिरी लगावे लागल बा. ई त खतरा के घंटी बा. रउरा अगिला चुनाव में ओकर टिकट काटि के हमरा के दिअवा दीं. हम राउर नौकर हईं आ विधायक बनला का बादो सर्वैंटे क्वार्टर में रहब.

चालू के अइसन बाति सुन के नेताजी बोलले – चालू, लागऽता कि तू अखबार ना पढ़ऽ. देखऽ, आजुए खबर छपल बा कि आपन मुन्ना ओह दारु-बार में मार-पिटाई कइलसि, ओह डांस बार में ओह नर्तकी के खोदलसि आ ओही बार में उ चरस बेचत पकड़ा गइल. एह खबरन से साफ हो गइल बा कि आपन मुन्ना अब नेेता बने जोग हो गइल बा. ऊ अब विधायकी जोग बन गइल बा. एहले विधायकी के टिकट त ओकरे मिली बाकिर तोहार सेवाभाव देखि के हम तय कइले बानी कि तोहरा के राष्ट्रीय नाली आयोग भा राष्ट्रीय गाली आयोग के आफीसर आन स्पेशल ड्यूटी बनवा देब. एह दुनू के चेयरमैन हमही हईं. तब हम दुनू जने पूरा दुनिया घूम-घूम के ओहिजा के नालियन आ गालियन के अध्ययन कइल जाई. एक टूर में देखब जा कि पेरिस, वेनिस, जकार्ता, न्यूयार्क के गाली कइसन होले, फेर दोसरका टूर में देखब जा कि बीजिंग, ब्रुनई, मोरक्को आ काहिरा में नाली कइसन होली सँ.

चालू का करतन. उ नाली आयोग में आफीसर आन स्पेशल ड्यूटी बनके विदेश-भ्रमण करे लागल.

तिसरका टापर माने कि परम-चालू पहिले कुछ होमवर्क कइलसि. उ शहर के बड़का लोगन के सूची बनवलसि. फेर ओह लोग के फैमिली प्रोफाइल के अध्ययन कइलसि त देखलसि कि नाहियो त पचीस जने के बेटी बिआहे जोग हो गइल बाड़ी सँ. एहमें से पाॅच गो पर ऊ लाइन मारल शुरू कइलसि आ आखिर में एगो मंत्री-पुत्री के सेट कइए लिहलसि. परम-चालू के ई ससुर मंत्री सौभाग्य से साझा-सरकार के मंत्री रहल. उ चार सांसदन का दम पर हर हफ्ता आठ गो शर्त सरकार का सोझा राखि देत रहुवे. अइसने कवनो शुभ मुहुर्त मे मौका के फायदा उठावत उ अपना दामाद परम-चालू के राज्य-सभा के सदस्य बनवा दिहलसि.

पांच बरीस बाद तीनो आपना महाविद्यालय दोबारा गइले. कर्मठ बस से लटकत-झूलत महाविद्यालय पहुंचल. चालू टैक्सी में पहुंचल. परम-चालू लाल बत्ती लागल कार में टाप-टनाटन अवस्था में महाविद्यालय पहुंचल.

बतावल गैरजरूरी बा कि परम-चालूए के महाविद्यालय के चेयरमैन बना दिहल गइल.

एह कहानी से हमनी के तीन गो सीख मिलत बा –

1 – सिरिफ पढ़-लिख के टाप कइला से कुछ हासिल ना होखे, टाप त कर्मठो कइले रहुवे.

2 – चालूगिरीओ एक हदे ले काम आवेले काहे कि चालूगिरी के सड़क जहां खतम होले ओहिजा नेतवन के अड्डा होला, जहाँ सभका ला एंट्री ना मिले.

3 – अंतिम पावर, आखिरी खेल एह मुल्क में नेतवने का लगे बा.

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1 Comment

  1. jay

    बहुत मजेदार।।।।

    Reply

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