मनोज भावुक के एकल कथा पाठ

BahwukManojमनोज भावुक के कहानीकार का रूप में बहुत कमे लोग जानेला. अधिका लोग उनका के कवि आ फिल्म समीक्षके का रूप में जानेला. पिछला दिने मैथिली-भोजपुरी अकादमी, दिल्ली तीन दिन के एगो साहित्यिक पर्व के आयोजन नई दिल्ली के मंडी हाउस का त्रिवेणी कला संगम में कइलस. एह आयोजन में मनोज भावुक के कथाकार रूप उनुका एकल कथा पाठ से सामने आइल. भावुक एह आयोजन में अपना प्रेम कहानियन के अभिनेयता का साथे पाठ कइलन.

कहानी के प्लॉट, भउजी के गाँव, तेल नेहिया के, लड़ेले त अंखिया बथेला करेजवा काहे, अउर तहरे से घर बसाइब मनोज भावुक के लिखल प्रेम कहानि हईं सं जे नब्बे का दशक चर्चा के केंद्र में रहली सँ आ मनोज भावुक के एगो नवही कहानीकार के रूप में स्थापित कइली सँ. . ”तहरे से घर बसाइब” कहानी पर पटना दूरदर्शन साल 1999 में एगो भोजपुरी धारावाहिको चलवले रहुवे जवना के पटकथा, संवाद आ गीतो मनोजे लिखले रहलें. बाद में मनोज के रूझान गीत- ग़ज़ल आ कविता ओर भइल आ ऊ एगो कवि का रूप में जानल जाए लगलें.

अकादमी के आयोजित एह कविता पाठ, कहानी पाठ आ संगोष्ठियो में मनोज भावुक छवले रहले. सुने वालन के खास निहोरा पर उनुका सस्वर कविता पाठ आ ग़ज़ल पाठो करे पड़ल. संस्था के सचिव राजेश सचदेवा आ मुख्य अतिथि गिरीश चन्द्र श्रीवास्तव मनोज के रचनन के जमके तारीफ़ कइलें.


(स्रोत अनूप तिवारी)

1 Comment

  1. amritanshuom

    बहुत -बहुत बधाई .

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