Category: साहित्य

गीत

– रामरक्षा मिश्र विमल १ जे रोअवला के खुशिया मनाई केहू ओकरा के का समुझाई ? लोर रोकले रोकाला ना कतहीं कहीं पूड़ी आ पूआ छनाला कहीं मरघट में बदलेले बगिया कहीं पाटी में बोतल खोलाला जे जहरिये में जिनिगी के पाई केहू ओकरा के का...

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भावुक जी : एगो गजल

– मनोज भावुक दर्द उबल के जब छलकेला गज़ल कहेलें भावुक जी जब-जब जे महसूस करेलें उहे लिखेलें भावुक जी टुकड़ा-टुकड़ा, किस्त-किस्त में जीये-मुयेलें भावुक जी जिनिगी फाटे रोज -रोज आ रोज सियेलें भावुक जी अपना जाने बड़का-बड़का काम...

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तहार सुधि

– डा॰अशोक द्विवेदी कतना हो जाला मनसायन सुधि का सुगंध से गमक उठेला जब बतास छान्ही पर एकदम ओलरि आवेला अकास सचहूँ कतना हो जाला मनसायन तहरा सुधि से हमरा भीतर कोना-अँतरा ले एक-ब-एक भर उठेला उजास! तहार सुधि अवते लहरे लागेला ताल...

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लहरे तिरंगा सजि धजि पूरा देशवा में

– रामरक्षा मिश्र विमल लहरे तिरंगा सजि धजि पूरा देशवा में पसरेले अङना दुअरिया अँजोरिया हरियर धरती चंदनिया पियर बीचे गह गह सगरी बधरिया अँजोरिया. असहीं आजाद हिंदुस्तान रहे जुग-जुग सगरी जहान फइलावे के अँजोरिया. आन बान शान...

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दू गो गजल

– रामरक्षा मिश्र विमल १ जहें नेह लागल दरदिए मिलल बा कबो फूल कँहवा अङनवा उगल बा ? कबो लहलहाइल ना बिरवा सपन के कतनो नयनवा से पानी ढरल बा कल तक पियावल जे अँजुरी से अमिरित ओकरे अँजुरिया जहर से भरल बा केकरा से आशा बिस्वास के पर...

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