Category: कविता

चइत

– डॉ. कमल किशोर सिंह बहे बड़ी बिमल बयरिया हो रामा , चल बइठे के बहरिया . पोर,पोर टूटेला गतरिया हो रामा , मन लागे ना भीतरिया . रतिया के रमनीय चइत के  चंदनिया , बाहरे बिछाव सेजरिया हो रामा , सूतऽ तानी के चदरिया . सांझ सबेर...

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अंग्रेजी के हुकुमत पर

अभयकृष्ण त्रिपाठी अंग्रेजी के हुकुमत पर कलम चलावत बानी रेड, माई हो गइली ममी बाबूजी के करत बानी डेड।। अतना कइला पर भी अबही ले हम बैकवर्ड बानी, ठेकेदारन के कर दिहला बिना फारवर्ड मत जानी, अपना बचवन के विदेश भेज सबके गरियावत बा....

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जिनगी बेकार लागेला

– मनिर आलम हमर जिनगी हमरे अजब लागेला. आंख में लोर के सैलाब लागेला. दुनिया में तोहरा जैसन कोई नइखे. फूल जैसन चेहरा गुलाब लागेला. का जरुरत बा तोहरा पर्दा के. तोहार केश ही नकाब लागेला. काहे तोरदु तोहार कसम के. जबकि हर आंसू...

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दामाद जी

– नूरैन अंसारी नंबर कौनो भी मेहमान के आवेला उनका बाद जी. अतिथि में सबसे श्रेष्ट मानल जालेन दामाद जी. पाहून जब कबो जालेन अपना ससुराल में. घर के सब केहू लग जाला उनका देखभाल में. पकवान बने ला उहे जवन होला सबसे ख़ास. होखे ना...

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उन्हुकर उदासी

– भगवती प्रसाद द्विवेदी हमार नाँव सुनिके बड़ा ललक से आइल रहले ऊ मिले बाकिर भेंटात कहीं कि हो गइले उदास. शहर के हमरा खँड़हरनुमा खपड़पोश घर में नजर ना आइल दूरदर्शनी एंटिना के मायाजाल दूर-दूर ले ना लउकल वी॰सी॰पी॰ के दर्शनीयता...

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