Category: सतमेझरा

बड़ा कठिन बा जमाना के संगे चलल

– जयंती पांडेय बाबा लस्टमा नंद के दुअरा पर सबेरहीं पहुंचले रामचेला. बाबा मालगोरू के नादे पर बान्ह के जब फुरसताह भइले तऽ रामचेला के लगे आ के बइठले. रामचेला पूछले कि बाबा हो! ई जमाना के साथ कइसे चलल जाउ. लोगवा कहऽ ता कि...

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शिक्षा के गारंटी-जय हो! जय हो!!

– जयंती पांडेय रामनिहोरा. ऊ गांव -जवार के बड़ा पुरान नेता हवें. कौ हाली तऽ परधानी जीत भइल बाड़े. एक दिन भिनसहरे बाबा लस्टमानंद के दुअरा पर अइले. बाबा बैलन के सानी पानी दे के गोबर- गोथार करत रहले. नेताजी दूरे से पुकरले, का...

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भउजी हो….

भउजी हो….. का बबुआ ? लालू आ मुलायम के शिकायत बा कि सरकार ओह लोग के तनखाह कमे काहे बढ़वलसि ह ? ओह लोग के कतनो तनखाह दे दिहल जाई कमे रही. आखिर मास्टरी करत करोड़पति देश के कई जने भइल बाड़न ? जे चपरासीओ लायक ना रहल से आजु...

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स्वागत करीं महंगी के

– जयंती पाण्डेय महंगी के बढ़े में सरकार के कवनो दोष नइखे. महंगी के काम ह बढ़ल. अगर ऊ ना बढ़ी त केहु ओकरा ना चीन्ही, ना पूछी. सोसाइटी में रहे वाला हर बेकती आपन एगो पहचान राखेला. महंगी भी इहे रास्ता पर चलेले. महंगी लोगन के...

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भउजी हो !

भउजी हो ! का बबुआ ? प्रधानमंत्री जी काश्मीर के बेसी स्वायत्ता देबे के बाति कहले बाड़न. ओहसे का हो जाई ? ओहिजा के लोग खुश हो जाई. एहसे त बढ़िया रहित कि ऊ भारत के काश्मीर से आजाद करा देवे के बाति कहले रहतन. कुछ गलती नइखे होत तोहरा...

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