Tag: बतकुच्चन

बकसऽ ए बिलार मुरगा बाँड़ हो के रहीहें. (बतकुच्चन 160)

बकसऽ ए बिलार मुरगा बाँड़ हो के रहीहें. रउरा सभे सोचत होखब कि ई हर हफ्ते का आ जालें बक बक करे. आ हम सोचीले कि ल फेर कपारे आ गइल बतकुच्चन करे के दिन. गनीमत एतने बा कि बहुत कमे जगहा घेरे के पड़ेला. जइसे नाच का बीच बीच में आवे वाला...

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वेल बिगन इज हाफ डन (बतकुच्चन 159)

वेल बिगन इज हाफ डन. अंगरेजी के एह कहाउते जइसन भोजपुरी के कहाउत ह साधे समहुत सधे पुनाहुत. मतलब कि अगर कवनो काम के समहुत, शुरुआत, बढ़िया हो गइल त मान लीं कि ओकर पुर्णाहुति, पुनाहुतो, बढ़िए रही. बाकिर मन साधे आ सधे में अझुरा के रहि...

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शपथ, कसम, किरिया, आ सौगन्ध (बतकुच्चन 158)

ओह दिन जब राष्ट्रपति महोदय देश के नयका प्रधानमंत्री के शपथ दिआवत रहलन त पूरा देश देखत रहे. केहु खुशी से त केहु निराशा से. कुछ लोग के त आतना कष्ट रहल कि उ लोग समारोह का ओर झाँकहु ना गइल. खैर. जे गइल ओकर मर्जी, जे ना गइल ओकर...

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लोके आ लपके के फरक (बतकुच्चन 157)

कहल गइल बा कि बीत गइल तवन बात गइल. बाकिर का ई सचहू एतना आसान होला? बीते ला त चुनाव बीतिए नू गइल बाकिर ओकर फल अब खट्टा निकले भा मीठ पता ना कतना साल ले खाए के पड़ी. जीते वाला त जीत गइल बाकिर कुछ लोग जीतिओ के ना जीतल. सपना सपने रहि...

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जब पता ना चले कि बाझल बानी कि बझावल बानी (बतकुच्चन १५६)

समुझ में नइखे आवत कि बाझल बानी कि बझावल गइल बानी. बाकिर अतना त जरूर कह सकीलें कि अझुराइल नइखीं. बाझ भा बाझि के मतलब होला पेंच भा गाँठ भा काम के बोझा. आ जब आदमी ओह पेंच के खोले, सलटावे में लाग जाला त कहल जाला कि बाझल बा. हालांकि...

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