Tag: कविता

पुरवइया आ भोजपुरी लेखक संघ के भोजपुरी कविता संगोष्ठी

पिछला दिने 23 नवंबर के दिल्ली के पालम में बोलावल गइल भोजपुरी कविता गोष्ठी के अध्यक्षता करत डा॰ गोरख प्रसाद मस्ताना जब आपन पंक्ति सुनवनी कि, राजघाट पर गीता कुरान लेके जे किरिया खाई उहे लोग सत्ता पाई, उहे लोग सता पाई ! त सभे लोग...

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आवऽ दियावा जरावऽ भोजपुरी के भईया

– ओेमप्रकाश अमृतांशु शंख नाद गरजन सुनावऽ, मिलके जोर लगावऽ आवऽ दियावा जरावऽ, भोजपुरी के भईया . ओका-बोका तिन तड़ोका, घुघुआ के हई माना तार काटो-तरकुल काटो, ढ़ेरन खेल-खजाना, चुट्टा-चुट्टी, बुढ़िया कब्ड्डी, से नेहिया लगावऽ आवऽ...

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नारी

– अभयकृष्ण त्रिपाठी पहचान के जरुरत नइखे हम नारी बानी मानी न मानी हर केहु पर भारी बानी || लुट रहल बा अस्मत चारो ओरि, जानत बानी, नारी भइल नारी के दुसमन इहो मानत बानी, कोख मारीं आ सर तान के केतनो चलीं रउआ जग के जनावर से परिचय...

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चोख कमाई

– ‍ नीमन सिंह पईसा कमा लेला सभे बाकिर नाम ना कमाला केहू, वइसे त कुकुरो पेट पाल लेला, बाकिर मरला पर ओकरा के पूछे ना केहू. तू तियाग कमा …… भूखे रह के दोसरा के पेट पाल, कर द नेछावर आपन सर्वस्व एह देस पर. धन्य हो...

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