Tag: कविता

गजल

– डा॰अशोक द्विवेदी कम में गुजर-बसर रखिहऽ! घर के अपना, घर रखिहऽ! मुश्किल-दिन जब भी आवे दिल पर तूँ पाथर रखिहऽ. जब नफरत उफने सोझा तूँ ढाई आखर रखिहऽ. आपन बनि के जे आवे सब पर खास नजर रखिहऽ. दर्द न छलके ओठन पर हियरा के भीतर...

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अँगनवा लागेला परदेस

– शिवजी पाण्डेय ‘रसराज’ सावन आइल तूँ ना अइलऽ गइलऽ कवना देस अँगनवा लागेला परदेस! हरियर धरती लगे सुहावन, करिया बदरा डोले, दुअरा पर झिंगुर झँकारे, ताले दादुर बोले, पानी-भरल बदरिया झूमे, उड़ा के करिया केस. अँगनवा...

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दोहावली

– (स्व॰) मोती बी॰ए॰ मों तो मोती बावरा यद्यपि हों जलजात सीपी में सागर तिरे, सीप न सिन्धु समात. स्वाति बून पाके मगन, गहिरे गहिरे पइठ मोती ले के गोद में, गइल अतल में बइठ. गोताखोर सराहिये साहस विकट कराल पइठ सिंधु के पेट से...

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कविता के जरुरत बा

– रवि कुमार गिरी गुरुजी न सार के जरुरत बा न बिचार के जरुरत बा , कविता लिखत बानी कविता के जरुरत बा , सोच होखे समझ होखे एपर केहू ध्यान ना दी , चटक मटक लिखी समाज के कुछ ज्ञान ना दी , पाहिले लोग खोजत बा कुछ खुला कुछ कसाव ,...

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बाबूजी सिखवले

– गनेश जी “बागी” बाबूजी सिखवले दुःख सहीहs अपार, कबो ना करीहs बबुआ, केकरो प वार, गलती ना करीहऽ अइसन, पिटे पड़े कपार, दुनिया में कुछु ना रही, रह जाई बस प्यार. बहुते आसान होला, दिल के दुखावल, दोसरा के कइला में,...

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