Tag: कविता

गरीबी

– संतोष कुमार पटेल जे सोना के चम्मच लेहले जनमल ऊ का जानि गरीबी का हऽ? काथी हऽ लाचारी, बेकारी का हऽ, काथी हऽ बेमारी? जेकर जनम एयर कंडीसन में भईल ऊ का जानी पूस के रात का हऽ, टटाइल भात का हऽ, का हऽ रोटी झूराइल, का हऽ भूख से...

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एगो प्रेम प्रलाप

– डॉ. कमल किशोर सिंह तनि सुनी एगो बात, नाहीं झूठ, कहीं सांच. रउआ बिना आपन जिनिगी पहाड़ लागेला. काटे धावे घर, नीक लागे ना बाहर, जगवा में सब कुछ बेकार लागेला. रतिया के बतिया सुनाई का संघतिया, दिनवो में हमरा अन्हार लागेला....

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गर्मी कइलस बेहाल

– नूरैन अंसारी बहत बिया सर-सर पुरवा बयरिया. धधकत बा आग, चले लू के लहरिया. घर से कहीं निकलल मोहाल भइल बा. भाई हो गर्मी से जिअरा बेहाल भइल बा. लागत बा चईत जइसे जेठ के महीना. चुअत बा माथा से तर-तर पसीना. किरपा अइसन करत बाड़ी...

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तलास

– डा॰ सुभाष राय मौसम जब साफ बा त केहू बाढ़ के खिलाफ पोस्टर लगा सकेला बिजुरी के गरिया सकेला तूफान के खिलाफ दीवाल प नारा लिखि सकेला जब हवा शीतल धूप मिट्ठ लगे त केहू करांति क कहनी सुना सकेला लेनिन आ माओ क फोटो घर के दीवाल प...

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वापसी

– डा॰ सुभाष राय हम जरूर लउटब घाटी से निकलब स्याह चट्टान प रोशनी बिछावत रेगिस्तान की सीना से झरना जइसन फूटत बालू में जिनगी बोवत बढ़ब आ तुहार मटियाइल हाथ चूमि लेब. जब तुहरी बखरी में अन्हार कम होखे लगी तुहरी अंगना में झुंड क...

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