ठाकरे विवाद

15 Mar 08

कुछ लोग के शिकायत हो सकेला कि राज ठाकरे, आ बाद में बाल ठाकरे, के बयान पर अँजोरिया कवनो कड़ा रूख ना अपनवलसि. कारण साफ बा कि कि हम अइसनका कवनो विवाद के हिस्सा ना बन सकी जवना देश के तूड़त होखो. कुकुर हमरा के काटी त हमहूं कुकुर के काटे ना धउड़म. कटहवा कुकुरन के लाठी मारल जाला, हबकल ना जाला!

दोसरे हर बाति का पाछा लाठी लेके दउड़लो ठीक ना होखे. बात समुझीं. देखीं कि सामने वाला के का गलती बा. ताली एके हाथ से ना बाजे. दूसरका हाथ कुछ नाहियों करे त सामने पड़ल रहेला. हिन्दी भाषी भा भोजपुरिहा भाषी के खिलाफ अगर मराठी मानुष खड़ा भइलन त का कारण बा. का खाली सामनहीं बाला दोषी बा? हमार कवनो दोष नइखे?

पहिले त आईं राज ठाकरे का बाति पर. राज ठाकरे अतने कहलन कि छठ का बहाने मुम्बई में शक्ति प्रदर्शन हो रहल बा. पूजा में नेतवन के हाजिरी बजवला के कवन काम बा. दोसरे महाराष्ट्र में रहे वाला, कमाए वाला के मराठी भाषा आ संस्कृति के आदर करे के चाहीं. एहमें कवन बात गलत बा? रउरा एक त हमरा घरे आएम, खाएम पसरेम, सूतेम, आ हमार कवनो खयाल ना करेम त हम कव दिन ले रउरा के बरदाश्त कर सकीलें? राज ठाकरे इ त ना कहलन कि बिहार यूपी में रहे वाला मराठियन के बिहार यूपी के भाषा आ संस्कृति के सम्मान ना करे के चाहीं.

काश्मीर में, पूर्वोत्तर का राज्यन में देश का बाकी क्षेत्र का लोग कई कारण से बस ना सके. सबले बड़ कारण बा सुरक्षा के सवाल. काश्मीर से पूरा हिन्दू जमात के चहेट के बाहर निकला दिहल गइल, ओह लोग के बेटी बीबी के इज्जत लूटल गइल. आजु ले ऊ लोग दिल्ली, जम्मू आ दोसरा जगहा रिफ्यूजी बनल मारल मारल फिरत बा लोग. निकलल कहियो लालू मुलायम के बोली?

ना! निकलबो ना करी. काहे कि सवाल देश के एकता आ बिहार यूपी वालन के सम्मान के नइखे. सवाल बा वोट के, वोट बैंक के पालिटिक्स के. मेरे जिगर के टुकड़ों कह के बिहार के शिक्षा व्यवस्था के चउपट कइल? यूपी में बोर्ड परीक्षा में नकल करे के पुरा छूट देके यूपी के शिक्षा व्यवस्था के चउपट कइल? बिहार में कर्पूरी डिविजन का चलते लड़िकन के पढ़ाई के खराब कइल? राज ठाकरे आ कि उनकर चाचा बाल ठाकरे? इहे लालू आ मुलायम जइसन नेता बिहार यूपी के कंगाल बना के राख दिहलन. ओहनिये का पाछा पाछा दउड़ल जाई का फेर?

आज शत्रुघ्न सिन्हा, मनोज तिवारी वगैरह के आलोचना कइल जा रहल बा. काहे? एही खातिर नूं कि ऊ लोग लालू मुलायम के हँ में हँ नइखे मिलावत? हम त आजुवे ना बार बार हर बार कहेम कि जहाँ रहे के बा, जहाँ कमाए के बा, ओहिजा के लोग के भाषा के संस्कृति के सम्मान देबे के पड़ी. जेतना सम्मान हम अपना भाषा अपना संस्कृति के दिहिले ओतने हर कोई अपना भाषा आ संस्कृति के देबेला.

के रोकले रहे लालू मुलायम वगैरह के बिहार यूपी में ढंग के उद्योग धंधा, ढंग के स्कूल कालेज खोले से? बाकिर ना. ओह लोग के जाति के राजनीति से फुरसत नइखे. अपहरण के उद्योग ओह लोग का राज में खुल के फइलल. आजु ले ऊ कमजोर नइखे पड़ल जबकि राज लालू आ मुलायम का हाथ से निकल के नीतीश आ मायावती के हाथ में आ गइल बा. बिहार यूपी में कतना बढ़िया माहौल बा ई ओहिजा रहहीं वाला जानत बूझत बाड़न. दूर के ढोल सुने में सबका बढ़िया लागेला. तनी बिहार आ यूपी में नया उद्योग शुरु कर के देखीं तब बुझाई! एगो साधारण सड़क त बने नइखे देत लोग. तुरते रंगदारी माँगे चहुँप जात बा लोग.

हो सकेला कि हमार बाति कुछ लोग के फेर खराब लागो. बाकिर दोसरा के दोष देबे से पहिले अपने चेहरा शीशा में देखे लोग. केकरा चलते, कवना चलते आजु बिहार यूपी के लोग जेने तेने छितराइल चलत बा. उ कारण हटावऽ लोग. नाराबाजी आ गाँधीगिरि के बाते से काम ना चली, कामो करे के पड़ी.