Tag: कविता

अहजह

– नीमन सिंह बतइब हो हम का करीं….. कइसे करीं कइसे रहीं का खाई का पहिनी ? बतइब हो हम का करीं…. कहवां मूती कहवां हगीं केकरा संगे बात बिचारी बतइब हो हम का करीं….. केहू कहे हई करs केहू कहे हउ करs केहू कहे मउज...

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महतारी

– जयशंकर प्रसाद द्विवेदी आजु निकहे बिखियाइल बानी माई बचवन पर नरियात नरियात लयिकवो मुरझा गईलें आँखिन के लोर थम्हात नइखे फेरु अझुराइल नोचब बकोटब खिलखिलात, हंसत, मुस्कियात केतना रंग , केतना रूप . झुंझलात, अकबकात कुछो अभियो...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।