सामयिक
हिन्दुस्तानी हालचाल
– बर्बरीक
(आजु से करीब इकईस बरीस पहिले फरवरी 2004 में ई लेख दुनिया में भोजपुरी में पहिलका वेबसाइट अंजोरिया डॉटकॉम पर अंजोर भइल रहल. बाकिर आजुओ ई सामयिके लागत बा. )
मकर संक्रान्ति माने कि खिचड़ी के बाद देश के राजनीतिक हालात में नया हलचल पैदा हो गईल बा. काहे कि चौदहवीं लोकसभा के चुनाव के शंखनाद होखे वाला बा. संसार के सबसे बड़ लोकतन्त्र के आमचुनाव कुम्भ का मेला लेखा होखेला. एगो उत्सव, एगो समारोह लेखा. साठ करोड़ मतदाता एह कुम्भ में डुबकी लगईहन आ जब बाहर निकलिहन त उनुका हाथ में होखी एगो नया सरकार के रूप रेखा.
पुरनका संतुलन बदले वाला बा. गठबंधनन में नया नया दल जुटीहन स आ पुरनका दल बाहर निकलिहन स चरे खातिर नया मैदान खोजे. चार साल तक सरकार मे मलाई चाभ के डीएमके, पीएमके ओगैरह बाहर निकल गईल. रामबिलास पहिलहीं से बाहर बाड़न. फारुख अब्दुल्ला भी बाहरे निकल गईलन. एनडीए नया नया साथी जोड़ी. पुरनका विद्रोहियन का दुआर पर आपन नाक रगड़ी. कल्याण से निहोरा करी कि ओकर कल्याण करसु.
खानदानी सरकारी दल के नेता सोनिया ओईसनका ओईसनका दलन के ड्योढ़ी पर आपन नाक रगड़त बाड़ी जहवां गईल कहियो उनुकर चेलो चाटी के अपना सम्मान से नीचा बुझात रहुवे. अपना विदेशी होखला के आरोप के मद्दे नजर लईकन के सोझा करे के तईयारी भी चलत बा. नेहरू खानदान के चरणधूलि माथ प लगावे वाला लोग के एहसे निमन कुछ लउकबो ना करी.
चुनाव जीते खातिर देश के अर्थव्यवस्था से भी खेले में राजग के कवनो उजूर नईखे. तरह तरह के छूट से देश के मतदातन के लुभावे के कोशिश अपना चरम पर बा. करीब पन्दरह हजार करोड़ के छूट अबले दिया चुकल बा. ठीके बा, कवन अपना जेब से देबे के बा. “त्वदीयाय वस्तु गोविन्दम् त्वदीयाय समर्पप्याम.”
जब सरकार में आएम जा त पाई-पाई वसूल क लेम जा. अबहीं मजा ले ल लोग. कबहीं पाकिस्तान के नेस्तनाबूद करे के भाषा बोलेवाला लोग आजु मुशर्रफ से समझौता करे के कोशिश में बा. कहत रहे लोग कि बतियायेम ना जबले तू हमरा सीवान का भीतर आपन बदमाशी ना बन्द करब. ठीक बा कि आजुकाल्ह सीमा पर बन्दूकन के गरज बन्द बा. काश्मीर में पहिले का बनिस्बत शांति बा. हुर्रियत बतियावे खतिर तईयार हो गईल बा. जब चुम्मे चाटी से सब कुछ भेंटाये वाला होखे त छूरी चमकवला के जरूरत का बा ?
सोनिया जी त कह दीहली कि ऊ अबहीं प्रधानमन्त्री बने के दावा नईखी करत. चुनाव के बाद देखल जाई बाकिर आपन लालू भाई ओहमें से ना हउवन जे लजाव-शरमावऽ. कह देले बाड़न कि उनुकर दावा बरकरार बा. सब छंवड़ी झूम्मर पाड़े त लंगड़ी कहे – हमहूं.
लालू प्रसाद प्रधानमन्त्री बन जासु शायद ई पूरा बिहार चाही. अकेले बिहारे उनुका के काहे भुगुतो ? धन्य बानी हे चुनाव महादेव. राउर चमत्कार अपरम्पार बा. रउरा धनुष पर चढ़ल सत्ता रूपी कामदेव का सोझा निकहन ब्रह्मचारी लोग आपन लंगोट फेंके के तइयार बा.
एह चुनावी महाभारत के हालचाल देखे आ रउरा सोझा रखे खातिर बर्बरीक तईयार बा. अगिला अंक में फेर भेंट होखी तबले रावण-राम. राम-राम कहला पर लोग कहीं हमरा
के साम्प्रदायिक मत कह देव ऐही डरे हम राम-राम ना रावण-राम कहत बानी. रावण-राम.
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जगदीशपुर, बलिया
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