भोजपुरी भाषा में उज्जर

उज्जर

भोजपुरी भाषा में “उज्जर” शब्द के बहुते खास महत्व बा. ई शब्द के उपयोग मुख्य रूप से उजाला, सफाई आ पवित्रता के संकेत देवे खातिर कइल जाला. “उज्जर” के मूल अर्थ उज्ज्वल, साफ-सुथरा, आ चमकत प्रकाश से जुड़ल बा. एह शब्द के प्रयोग भौतिक आ मानसिक दुनों रूप में होखेला.

सबसे पहिले, “उज्जर” शब्द के भौतिक उपयोग पर ध्यान दीं. जब कवनो चीज एकदम साफ, उज्जवल आ चमकत होला, त ओकरा खातिर “उज्जर” शब्द के प्रयोग कइल जाला. जइसे कि, “उज्जर कपड़ा” मतलब एकदम सफा आ नया कपड़ा. इहाँ “उज्जर” के मतलब बा चमक. प्राकृतिक रूप में, जब सूरज के किरण से धरती चमक उठेला, त लोग कहेला कि दिनवा उज्जर हो गइल. इहां प्रकृति के सुंदरता के बखान करे खातिर “उज्जर” शब्द के प्रयोग कइल गइल बा.

“उज्जर” के एगो गहिरा मानसिक आ आध्यात्मिक अर्थो बा. जब कवनो इंसान के मन, विचार आ कर्म एकदम साफ-सुथरा होखे, त ओकरा के “उज्जर” मन वाला कहल जाला. ई शब्द नैतिकता आ चरित्र के उज्जवलता के भी प्रतीक ह. “उज्जर मन” मतलब होला, मन के कोना-कोना में पवित्रता आ अच्छाई भरा बा.

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