Tag: केशव मोहन पाण्डेय

केशव के गजल – 2

– केशव मोहन पाण्डेय 1. ग़ज़ल एतना नीचे ना गिरऽ कि शरम छोड़ द, हार आ जीत के कुछ भरम छोड़ द. वसूल जिनगी के सबके अलग होखेला, ऊ मुहब्बत छोड़ें, तू हरम छोड़ द. दरिया काग़ज़ के कश्ती से डरबे करी, शर्त, अइसन कुछ आपन करम छोड़ द....

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केशव के गजल

– केशव मोहन पाण्डेय (1) ग़ज़ल खुशहाल जिनगी भी जहर हो जाला। दिल के दुआ जब बेअसर हो जाला।। लाख जतन कइला पर भी मिले ना मंजिल, डगमगात कदम जब कुडगर हो जाला।। सुन्न अंखियन से छलक जाला समुन्दर, हिया में याद के जब कहर हो जाला।।...

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एगो त्रिवेणी ईहवों बा

(यात्रा वृतांत) – केशव मोहन पाण्डेय मन में घुमे के उछाह, सुन्दरता के आकर्षण आ दू देशन के राजनैतिक सीमा के बतरस के त्रिवेणी में बहत हम त्रिवेणी जात रहनी. हमनी के छह संघतिया रहनी जा आ एगो जीप के ड्राईवर. हमरा के छोड़ के सभे...

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लिट्टी

– केशव मोहन पाण्डेय चार-पाँच दिन से रोज गदबेरे कुक्कुर रोअत रहलें स. बुझात रहल कि ए गाँव में जरूर कुछ बाउर होई. सावन के मेघो तनी देर पहिलहीं दू दिन बाद साँस लेहले हवें. ऊँचास के पानी खलार में बह गइल बा. आ ओह राह में...

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🤖 अंजोरिया में ChatGPT के सहयोग

अंजोरिया पर कुछ तकनीकी, लेखन आ सुझाव में ChatGPT के मदद लिहल गइल बा – ई OpenAI के एगो उन्नत भाषा मॉडल ह, जवन विचार, अनुवाद, लेख-संरचना आ रचनात्मकता में मददगार साबित भइल बा।

🌐 ChatGPT से खुद बातचीत करीं – आ देखीं ई कइसे रउरो रचना में मदद कर सकेला।