आपन बाति
30th July 2007
रउरा सभे सोचत होखब कि अचानके फेर का हो गईल कि अँजोरिया के कई गो कॉलम काल्हु नया ना भईल. असल में हतोत्साहित हो गइल रहुवी. २९ आ ३० जुलाई के गूगल हमार ट्रैकिंग में अचानके जीरो विजिटर्स देखावे लागल. हम सोचनी कि भोजपुरिया का तरह हमरो साईट पर कुछ गड़बड़ हो गईल बा. संजोग से एगो पोल डाले के मौका मिल गईल. पोल से ईहो मालूम हो गईल कि रउरा सभे पोल चाहत बानी. आ लोग आवतो बा. अब जाके मन में कुछ सन्तोष भईल हऽ. गूगल पर गईनी त देखनी कि हमरे तरह ढेरे लोग हल्ला मचवले बा. का करेम फोकट में केहू कतना सेवा करी. आ मंगनी के बैल के दाँत ना देखल जाव!
बीच बीच में हम कुछ आपन आ कुछ राउर देत रहेम एह पन्ना पर. जबो कभी कुछ नया रही तऽ न्यू के साईनबोर्ड लगावले रही !
तब ले जय हिन्द!
- सम्पादक