पहिला पन्ना | खबर | साहित्य | भाषा | टी॰वी॰ | सरोकार | सिनेमा | योग | संगीत | गीत गवनई | भउजी हो | चर्चा बा
लस्टम पस्टम | अगड़म बगड़म | भोला बाबू | राशिफल | शुभकामना संदेश | चिट्ठीमिलल | मारीशस से | भोजपुरी इन्टरनेट

बतकुच्चन - २

पिछला बेर वादा त कइले रहीं कि तोपना आ पेहान के बात करेम, बाकिर अपना बात पर टिक जाव त ऊ बातबनवा का? से आज हम कुछ दोसरे बात करे जा रहल बानी. असल में ई बात जब हमरा धेयान में आइल त नहान रहे, कार्तिक पुर्णिमा के नहान. सोचनी कि वाह रे भाषा के कमाल, नहइला के सामूहिक कर्म अगर कवनो खास दिन होखो त ऊ नहान हो गइल बाकी दिने त लोग अलगे अलगे नहाइले करे ला. आ नहानो खासे खास दिन होला, कार्तिक पूर्णिमा के नहान, खिचड़ी के नहान, कुंभ के नहान वगैरह एही में से कुछ खास नहान हई स. बाकिर नहइला में जरुरे कवनो बात होखी कि भारत जइसन गरम देश में नहाइल एगो सत्कर्म बन गइल.

आगा पढ़ीं.....

विराम-चिह्न के आत्म कहानी
सुनीं उनहीं क जुबानी

प्रभाकर पाण्डेय गोपालपुरिया

हम विराम-चिह्न हईं. कुछ ग्यानी लोग हमके विरामचिन्ह चाहे विरामो बोलेला बाकिर हमरा कवनो दुख नइखे, उलटे खुशी बा. हाँ, एगो बाति हम बता दीं; हमार कोशिश रहेला की लिखित वाक्यन आदि में हम कवनो न कवनो रूप से हाजिर रहीं.

हम अपने मुँहे मियाँ मिट्ठू नइखीं बनत बाकिर एक दिन हमार गुरुजी बतावत रहनी की दुनिया में जवन भी चीजु, संकल्पना आदि बानि कुल्हि; सबके आपन-आपन महत्व बा. गुरुजी के ई बाति सुनि के हमरा जिग्यासा भइल अउर हम गुरुजी से पुछि बइठनि, 'गुरुजी हमार उपयोगिता का बा?' गुरुजी मुस्कुरइनी अउरी कहनी, 'विराम! बेटवा विराम! तूँ त बहुते काम के बाड़ऽ. तहरी गैरहाजिरी में त अर्थ के अनर्थे हो जाई. अउरी वाक्यन में संदिग्धतो आ जाई.'

आगे पढ़ीं

Bhojpuri Proverbs

जवने राजा दर दरबार, तवने राजा चुल्ही दुआर
The person who owns everything asking for a favour or being denied his wishes.

more proverbs....

भउजी हो

भउजी हो!

का बबुआ ? आजु कइसे ?

जब कवनो कुँआर लड़िका गांव के गरीब मेहरारूवन के झोपड़ी में रात बितावे लागे त ओकरा के का कहबू ?

लफंगा, चरित्रहीन आउर का ?

आ जब कवनो बड़का नेता आहे काम करे त ओकरा के का कहबू ?

आगे पढ़ीं

मालिक, अगिलका हमला कहवाँ होखी ?

भभीखना ओह दिन भोलाबाबू के गोड़धरिया कइले रहुवे. ओकर बस एके सवाल रहुवे, मालिक अगिलका आतंकी हमला कहवाँ होखी ?

भोला बाबू परेशान. ओकरा के समुझावस कईसे कि आतंकियन का हमला का बारे में पहिले से कवनो जानकारी ना रहेला. ओकर त बस ईहे कहल रहुवे कि रउरा पार्टी के गृहमंत्री त कहत रहलें कि उनुका सब कुछ पहिलहीं से मालूम रहुवे. जानत रहुवन कि आतंकी समुन्दर का रस्ते अइहन आ ताज पर हमला करीहन.

पूरा कहानी पढ़ लीं


Designed and Published by OP Singh, Ballia (email : editor@anjoria.com)
Sister publications : Bhojpuri Anjoria | Bhojpuri Cinema | Bhojpuri Film | Cine Sangeet
With help from Free CSS Templates