गाजीपुर के दिलदारनगर निवासी कुंवर नसीम रजा खां अपना एगो अजीबोगरीब शौक का चलते आजुकाल्ह खबर में बाड़ें. नसीम रजा खाँ के शादी.निकाह.खतना जइसन अवसर पर दिहल जाए वाला निमंत्रण पत्र सरिहाए के शौक बा. एही शौक का चलते आजु उनका लगे साल 1931 के ओह शादी के निमंत्रण पत्र बा जब लोग हाथ से लिख के नेवतत रहे.
नसीम रजा के ई शौक तब लागल जब एक दिन एगो कूड़ा का ढेर पर उनुका अरबी के शब्द, कुरान के आयत, आ बिस्मिल्लाह रहमाने रहीम लिखल कागज लउकल, उठवले त देखले कि निकाह के निमंत्रण पत्र ह. फेर का रहे उठा के ओह निमंत्रण पत्र के अपना लगे रख लिहले आ तब से मिले वाला हर निमंत्रण सरिहाए लगलन. अब उनका लगे हजारो तरह के निमंत्रण पत्र बा .
एक जमाना में जब छपाई के सुविधा ना रहे तब लोग हाथे से लिख के निमंत्रण भेजत रहे. कुछ साल का बाद लोग के यादो ना रहत रहे कि कहिया निकाह भइल रहुवे.
आजु नसीम का लगे बहुते लोग भा उनकर बेटा आवेले आ अपना माता पिता के शादी के तारीख उनका एलबम से देख के जानेलें. नसीम के एह संग्रह में भोजपुरी फिलिमन के नायक नजीर हुसैन के बेटी के शादी के कार्डो मौजूद बा. बेटी के शादी नसीमे का परिवार में भइल रहे.
(वार्ता)
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