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एके साधे सब सधे, सब साधे सब जाय

शेयर बाजार आ चुनाव के बाजार एके जइसन होखेला. दुनू के कवनो भरोसा ना होखे कि ऊँट कवना करवट बइठे जात बा. एहसे कवनो फरक नइखे पड़े वाला कि राउर जानकारी का बा, राउर रणनीति का बा. दुनू बाजार अपने हिसाब से चलेली सँ. एहसे चतुर-सुजान कह गइल बाड़ें कि – चलती चक्की देख के हँसा कमाल ठठाय; कील पकड़ कर जो रहे कबो ना पीसा जाय!

अब आजु के नवहियन के मालूमो ना होखी कि चक्की भा जाँता कइसन होखेला. असल में ई पत्थर के दू गो गोल चकरी से बनल होला. दुनू चकरी एक दोसरा का ऊपर राखल होला. नीचे वाली चकरी का बीच में एगो खूंटा भा कील होला जवन दुनू चकरियन के एके साथ बनवले राखेला. ऊपर वाला चकरी का किनारे एगो दोसर कील गाड़ल रहेला जवना से ऊपर वाली चकरी के नचावल जाला. बीच वाला कील का लगे एगो गड़हा होला जवना में अनाज डालल जाला. जब चकरी नाचेला तब ई अनाज ओकरा साथे चले लागेला आ दुनू चकरियन का बीचे पिसात जाला. बाकिर बाद में देखे के मिलेला कि जवन अनाज बीच वाला कील का लगहीं रह गइल ऊ जस के तस बाँच गइल बा. एही चाकी भा चकरी भा चक्की देखि के कबीर साहब कहले रहीं कि –
चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोय.
दो पाटन का बीच में साबित बचे ना कोय.

उहो अपना हिसाब से सोलह आना सही रहलें, भा आजु का हिसाब से बताईँं त सौ पैसा सही रहलन. बाकिर हर बात के दू गो पहलू होला आ ई एह पर निर्भर करत बा कि रउरा कवना पहलू से ओकरा के देखत बानीं. कबीर साहब के बेटा कमालो वइसने जानकार रहलन आ ऊ देखि के बतवलन कि –
चलती चक्की देख के हँसा कमाल ठठाय,
कील पकड़ कर जो रहे कबो ना पीसा जाय !

एही तरह एगो अउर सवाल मशहूर ह कि गिलास में आधा गिलास पानी बा त ऊ आधा भरल बा कि आधा खाली ? जवाब देखे वाला का नजरिया पर निर्भर बा. तिसरका सवाल इहो हो जाला कि खाली के कइलसि !

उबियइला के जरुरत नइखे. भोजपुरी के वेबसाइट पर आइल बानीं त भोजपुरी के आनन्द लीं, कुछ काम के बात जानीं, सीखीं. असल में हम एह उहा-पोह में बानीं कि आजु शेयर बाजार के चरचा करीं कि चुनावी बाजार के ? कुल मिला के हमार कोशिश रही कि अइसने चरचा करीं जवन दुनू बाजार में फिट बइठ जाव ! बाकिर धेयान शेयर बाजार पर रही.

शेयर बाजार में वणिकई – trading – आ चुनावी बाजार में चुनाव लड़ल, दुनू में जोखिम होला. नेता कतनो लोकप्रिय होखसु, आ वणिक कतनो धुरंधर होखसु, हार के जोखिम रहहीं के बा. कवनो अइसन उपाय नइखे जवना से चुनाव में जीत आ वणिकई में मुनाफा के गारंटी होखो.

एहसे संकेतक कतनो बरियार होखो शेयर के दाम ओकरा उलुटा जा सकेला आ ओपिनियन पोल कतनो मजबूती से बतावसु कि केकर जीत होखे वाला बा, ओकर कवनो गारंटी ना होखे. सोझ बताईं त अगर अइसन कवनो रणनीति भा संंकेतक होखो त दोसरा के बताई के ! सभे चुपचाप ओकरा के अपने ले सम्हरले रही. वइसहीं ईवीएम चुनाव जीतवा दीत त भाजपा के सरकार कहियो ना बनीत. कबो केहू जीत जाला, कबो केहू !

एहसे इयाद रखीं कि एके साधे सब सधे, सब साधे सब जाय ! शेयर बाजार में वणिकई के कई गो मैदान बाड़ी सँ. चुनावो में वार्ट पार्षद से लगवले सांसद आ राष्ट्रपति तक के मैदान होला. आपन बेंवत आ आपन पसन्द का हिसाब से एगो कवनो मैदान चुन लीं आ हमेशा ओकरे में लागल रहीं. ओहि तरह शेयर बाजार में डे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग, आप्शन आ फ्यूचर, करेंसी, कमोडिटी, वगैरह कई गो विकल्प होला. अपना पसन्द के विकल्प चुन लीं आ ओहि में काम करत रहीं. ठीक एही तरह कवनो एगो रणनीति भा संकेतक चुन लीं आ हर बेर ओकरे हिसाब से वणिकई कइल करीं. जान लीं कि हर रणनीति में कमो बेस एके जइसन संभावना होला नफा-नुकसान के, राउर काम बस अतने बा कि आपन जमानत बचा लीं. जमानत बाँचल रही त अगिला चुनाव फेरू होखी आ जथा-पूंजी बाचल रही त बाजार काल्हु खुलहीं के बा. (छुट्टी के दिन छोड़ के !)

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