बेमतलब के पागलपन के प्रदर्शन

कसाब के कोर्ट से मिलल मौत का सजाय पर जवन नौटंकी टीवी चैनलन पर देखे के मिलल ओह से साबित हो गइल कि हमनी का गंभीर से गंभीर मसला पर नौटंकी कर सकीलें. होखे के त चाहत रहुवे कि लोग अफसोस जाहिर करीत कि अभियोजन का कमजोरी से दू गो आरोपी बेदाग छूट गइलें बाकिर उल्टा ओह बात के जश्न मनावल जा रहल बा जवना के पूरा होखे में दसियन साल लाग जाये वाला बा.

कसाब के सजाय अबहीं ट्रायल कोर्ट से मिलल बा. अब ऊ हाई कोर्ट में अपील कर सकेला. ओहिजा दू तीन साल ले मुकदमा चली आ अगर ओहिजो से सजाय बरकरार रह गइल त सुप्रीम कोर्ट में जाये के रास्ता खुलल बा. ओहिजा से सजाय मिली त दोसरका बेर अपील ओहिजे हो सकेला आ तीसरको अपील के मौका मिलेला. सब कुछ का बादो अगर सजाय बरकरार रहल त राष्ट्रपति से माफी दया के अपील हो सकेला. ओहिजा से फैसला आइल आसान नइखे काहे कि संसद पर हमला के आरोपी अफजाल का मामिला पर आजुवो ले कवनो फैसला ना हो सकल.

अगर थोड़ देर खातिर इहो मान लिहल जाव कि सरकार अपना वोट बैंक के परवाह ना करत कसाब के फाँसी पर झूलाही के चाही त तलाश शुरु होखी कवनो जल्लाद के . बतावल जा रहल बा कि आजु देश का कवनो जेल में जल्लाद नइखे रह गइल. बा केहू नाचे गावे वाला में, मिठाई खाये खियावे वाला में जे जल्लाद के काम कर सको. सरकार के जरुरत बा. बहुतेरे सजायाफ्ता मुजरिम जल्लाद का इन्तजार में जलालत के जिनिगी जी रहल बाड़े. शुरुआत ओहिजे से कर देखावे लोग.

कोर्ट के फैसला पर एह तरह के नौटंकी देखाके थोड़ देर खातिर कवनो चैनल पर भलहीं चलि आई लोग ओकरा से देश के न्याय प्रक्रिया के कवनो सम्मान नइखे बढ़त. एह तरह के ड्रामे बाजी के जतना निन्दा कइल जाव कम होखी.

संपादक

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