– ओ.पी. अमृतांशु
गाई गाई लोरिया निंदरिया बोलावेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
आरे आवऽ बारे आवऽ, नदिया किनारे आवऽ
सोने के कटोरवा में दुध भात लेले आवऽ
दूध भात मुँहवा में घुट से घुटावेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
तेलवा फुलेलवा से अबटि चबटि के
नजरि उतारेली मरिचवा अईंछि के
घरी घरी चुमेली चाटेली चुचुकारेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
बबुआ के माई पुआ पुड़िया पकइहें
मामा मामी गुड़वा के भेलिया ले अइहें
मीठा मीठा ममता के रस बरसावेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
अईयो रे नींदिया निंदरवन से आ जो
बबुआ के अँखिया में हौले से समा जो
झिरी झिरी नेहिया के बेनिया डोलावेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
(ई गीत कवि अपना स्वर्गवासी दादी के समर्पित कइले बाड़े.)
ओमप्रकाश अमृतांशु युवा चित्रकार आ भोजपुरी गीतकार हऊवन. इनकर सृजित कलाकृतियन के देश में आयोजित होखे वाला अखिल भारतीय चित्र -प्रदर्शनियन में नई दिल्ली ,वराणसी, जोरहट , धनबाद, पटना,आरा आदि शहरन में देखावल जा चुकल बा. राज्य – स्तरीय चित्र प्रदर्शनी, आरा के आयोजन समिति के सदस्यो रहल बाड़े आ. दर्जनों नुक्कड़ चित्र –प्रदर्शनियों में भागीदारी आ एकरा अलावे देश के प्रतिष्ठित पत्र –पत्रिका में रेखांकन प्रकाशित हो चुकल बा.
इनकर लिखल गीत भोजपुरी गायिका देवी आ पूजा गौतम अपना स्वर से सजा चुकल बाड़ी. साथही मशहुर चित्रकार भुवनेस्वर भास्कर के बहुचर्चित परफार्म “परिणति ” के गीत- लेखनो में सहयोगी रहल बाड़े.
‘dadi ka apne bachche ke prati prem’ ka bahut hi pyara aur snehpurn chitran!! ek bahut hi pyare rishte ko darshata hua 🙂
a refeshing reminder of the significant role of grandparents in a child’s life – something that is being forgotten in today’s modern world!
अमृतांशु जी अच्छा लागल लोरी के बुनावट आ दादी के गुनगुनाहट .
धन्यवाद !
निधी कैरोस
वाह! लोरी पढ़ के हमारो हमार दादी के याद आ गइल.
सचमुच अच्छा लागल .
धन्यवाद !
रंजीत कैरोस
AWESOME O.P.ji maza aa gaya dil ko chhu gayi aapki lori.
bahut badiya likhela ho!
BHOJPURI KI JAI HO
अईयो रे नींदिया निंदरवन से
आरे आवऽ बारे आवऽ, नदिया किनारे आवऽ
सोने के कटोरवा में दुध भात लेले आवऽ
दूध भात मुँहवा में घुट से घुटावेली अँगनवा में
दादी चान के बोलावेली अँगनवा में.
”YE GEET HAM SABHI MATAO KE LIYE SAMARPIT KARTE HE”
AAP KA
DINESH CHANDRA GUPTA
S/O-SRI BHRIGU PRASAD
A/P-VIDYA VHAWAN NARAIANPUR
DIST-BALLIA (UP)277213
CAMPOT- KOLKATA
SEL NO-+919830905865
E-MAIL- dinesh.chandragupta71@gmail.com
बहुत सुंदर,बहुते नीक लागल. मन के भा गइल राउर ई गीत…
Good emotional touch in your beautiful poetry OP Ji.
Well done, all the best for more and more compositions.
Beeran bhaiyaa aeehain anavaeeyaa ho, savanavaan mein naa jaeebai nanadee
Beeran bhaiyaa aeehain anavaeeyaa ho, savanavaan mein naa jaeebai nanadee
Jaaee kahaa more baare sasur se, Jaaee kahaa more baare sasur se abakee niyaravaa deehain taari, savanavaan mein naa jaeebai nanadee
Beeran bhaiyaa aeehain anavaeeyaa ho,savanavaan mein naa jaeebai nanadee……
AAP KA
D C GUPTA
KOLKATA
बहूत सुंदर रचना बा अमृतांशु जी.
एतना बढ़िया निहोरा पर चंदा मामा जरूर अंगना में आ जयिहेंन ..
वाह, राउर ई लोरी सुन के मन छ्छना गइल। रउरा लोरी के आदर में हम त एगो लोरिए के माध्यम से कहेब –
‘बाबू हो तू कत्थी के?
आधा सोना आधा रूपा के
पितिया पितम्बर के
लोग-बिराना माती के।’