शेयर बाजार ला कबीर आ कमाल के सीख
मथैला पढ़ के राउरो माथ घूम गइल होखी कि शेयर बाजार आ संत कबीर दास अउर कमाल के सीख कब भा कहवां दीहल गइल रहुवे. काहें कि ओह लोग का जमाना में त शेयर बाजार रहबे ना कइल. चलीं मान लिहनी राउर बात बाकिर रउओ त हमार ई बात मानब कि ज्ञानी लोग के सलाह हमेशा उपयोग में ले आइल जा सकेला. बस तनिका संदर्भ का हिसाब से ओकर व्याख्या बदल जाई. अगर अइसन बात ना रहीत त आजु गीता के अध्ययन करे के जरुरत ना पड़ीत. बाकिर गीता के ज्ञान आजुए का जुग ला ना आवे वाला कई युगन तक लाभदायक रहे वाला बा.
चलीं सीधे लवटल जाव शेयर चर्चा पर. बाकिर जइसे सिगरेट का पैकेट पर लिखल जरुरी होला कि धुम्रपान स्वास्थ्य के लिये नुकसानदेह होता है ओही तरह आजु शेयर बाजार ले के कवनो चरचा करे से पहिले बता दीहल जरुरी हो गइल बा कि हम ना त अनुसंधानी विश्लेषक हईं ना निवेश सलाहकार. सेबी से पंजीकृत होखला के त कवनो सवाले नइखे उठत. आ वइसहूं सेबी के हर फरमान ना त बहुते कुछ तुगलकी फरमान जइसने होखेला. सेबी के भरसक कोशिश रहेला कि आम निवेशक शेयर बाजार से दूर रहो आ ई मैदान धनपशुअन के लड़ाई ला खाली छोड़ दिआव. शेयर बाजार में कई तरह के लोग मिल जाई रउरा. कुछेके लोग निवेशक होला ना त अधिका लोग कमाई का लालच में आवेला. कमाई करे आवे वाला लोगन में कुछ लोग के ई व्यवसाय होखेला त कुछ लोग ला व्यसन. नइखीं जानत कि रउरा कवना वर्ग में आइलें. बाकिर ओकरा से हमरा एह लेख के चरचा में कवनो फरक नइखे पड़े वाला.
कहल जाला कि आदमी के आपन अकिल आ पड़ोसी के धन हमेशा अधिके लागेला. एहसे शेयर बाजार में आवे वाला हर आदमी अपना के अकिलचहे वाला मानेला. इहो कहल जाला कि पचीस बरीस का आसपास अकिलचह निकल जाला बाकिर इहो सचाई हवे कि अइसनो होखेला कि कुछ लोग के अकिलचह भर जिनिगी ना निकल पावे. हमार त निकल गइल बा आ उमेद करत बानी कि राउरो निकलिए गइल होखी. एहसे हमरा कहला पर नइखे जाए के. सुनीं सभकर बाकिर करीं अपना मन के – जब ले ऊ अनैतिक भा आपराधिक ना होखे. अनैतिक आ आपराधिक कर्म देर सबेर आपन कर्म फल देखाइए देला. केजरीवाल के लागत रहुवे कि उनुका के हरावे ला मोदी के एकाध जनम अउर लेबे के पड़ जाई. आ उधियलन अइसन कि चुनाव परिणाम अइला का बाद से लापता जस हो गइल बाड़न. लापता जस एहसे कहनी कि सभे जानत बा कि ऊ पंजाब में बाड़न.
रउआ अब ई सोचत होखब कि एह आदमी के ई बहुते खराब आदत ह कि बाति शुरु कहीं से करी आ ले के पता ना कवना कवना दिसाईँ घूमा दी. शुरु कइले रहनी शेयर बाजार खातिर कबीर दास आ कमाल के सीख से. आ अतना देर बाद अबहीं ले एकर चरचा ना कइनी कि का सीख दिहले रहे ई लोग. संत कबीर कहले रहलन कि –
चलती चक्की देखि के दिया कबीरा रोय,
दो पाटन का बीच में साबुत बचा न कोय.
बतावल जाला कि कमाल उनुकरे बेटा रहलन बाकिर ऊ हर बात के कबीर दास से उलुटा देखत रहलन. कमाल के एही आदत से परेशान हो के कबीर दास कहले रहलन कि –
बूड़ा वंश कबीर का उपजा पूत कमाल !
चलती चक्की देखि के कबीर दास का रोवला का ठीक उलट कमाल कहलन कि –
चलती चक्की देख कर हँसा कमाल ठठाय.
कील पकड़ कर जो रहे कभी ना पीसा जाय.
शेयर बाजार ला एह दुनू जने के सीख विचारे जोग बावे. दुनू सीख सही आ साँच बा. बाकिर रउरा दुनू के ना मान सकीं. रउरा कवनो एके सीख का साथ चले के पड़ी.
कबीर का नजरिया से देखीं त शेयर बाजार के चलती चक्की में दू गो पाट होला. बिकवालन के आ लिवालन के. एगो पहिले बेचेला एह फिराक में कि बाद में जब दाम अउरी गिरी तब खरीद के मुनाफा कमा लेब. जबकि दोसरका पहिले खरीद लेला एह सोच से कि बाद में जब दाम चढ़ी तब बेच देब. बिकवालन आ लिवालन दुनू के मालूम होला कि ओकरा मुकाबिले खड़ा ओकरा से बेसी ना त कमो अकिलदार ना हवे. बस मौका के तलाश रहेला आ एह दुनू के मौका देबे खातिर आ जालें खुदरा निवेशक. कहाउत ह कि बुड़बक का लगे धन होखो त चाल्हाक खइला बिना ना मरे ! लिवाल आ बिकवाल दुनू एही खुदरा लोगन का भरोसे आपन काम करेलेंं. सभे देखेला कि जब मैच दू गो मजगर टीम का बीच होखत होखे त के जीती एकर अनुमान लगावल बहुते मुश्किल होखेला. तबो देखेवाला लोग दू गो गोल में बँटाइए जाला. केहू एह टीम के वाहवाही करे लागेला त केहू ओह टीम के.
शेयर बाजारो में इहे होखेला. बिकवाल आ लिवाल दुनू टीम ओतने मजगर ओतने बेंवतगर होखेला आ खुदरा निवेशक कबो एकरा साथे त कबो ओकरा साथे हो जाला. अगर टीम मजगर ना होखे त दर्शकन के कमी हो जाई. टीम मजगर होखी त दर्शको भरपूर अइहें. जेतने बेसी दर्शक ओतने बेसी के कमाई होखे के मौका रही टीमन के. दुनू टीम अपना अपना तरीका से लागल रहेलें कि दर्शक जुटावल जाव. हर टीवी चैनल, यूट्यूब पर सेतिहा सलाह परोसे वाला आ ह्वाट्सअप पर फीस ले के आपन टिप देबे वालन के काम इहे होला कि अधिका से अधिका लोग शेयर का खेल में जुटे. पता ना रउरा जानीलें कि ना कि कुछ लोग मार्केट मेकर होखेले. उनकर काम इहे होखेला कि जबे बाजार थथमे तबे या त एगो शेयर खरीद लेबे के भा बेच देबे के बा. आम आदमी ई काम ना कर सके. एगो शेयर खरीदे बेचे में कमाई से बेसी दलाली आ टैक्स लाग जाए वाला बा. बाकिर मार्केट मेकर आपन पूंजी ना लगावसु. ऊ लोग त तनखाह ले के काम करेला आ ओह लोग के कामे होला कि बाजार में हलचल बनवले राखसु. ओह लोग के एके गो शेयर खरीद बेच से बाजार में कंपन आ जाला. काहे कि लोग ई ना देखे कि कतना खरीदाईल भा बेचाईल. ऊ लोग त बस दाम देखेला कि कतना पर खरीदाईल बेचाईल. जेकरा लागेला कि अब दाम खरीदे जोग हो गइल बा त ऊ लोग खरीद लेला आ जेकरा लागेला कि बहुत भइल अब बेच लीहल जाव काहें कि अब दाम गिरही वाला बा, ऊ बेच देला.
त बाबा कबीर के कहना इहे रहल कि दू पाटन का बीच में साबूत बचा ना कोय ! सेबीओ उनुके तरह रोवत रहेला आ रउरा आपन ट्रेडिंग एप खोलते पहिले ई चेतावनी सकारे के पड़ेला कि ट्रेडिंग मे अधिका लोग नुकसाने उठावेला.
बाकिर अगर कबीर दास के सलाह मान लीहल जाव त ना त शेयर बाजार रही ना कवनो रोजी-रोजगार. ओहिजे कमाल के कहना कि कील पकड़ कर जो रहे कभी ना पीसा जाय ओतने सही बा जतना कबीर के बात. बस अपना अपना नजरिया के बाति बा कि गिलास आधा खाली बा कि आधा भरल !
अपना चालीस बरीस का ट्रेडिंग अनुभव का बाद हमहूं अपना के थॉमस अल एडिसन से कम ना बूझीं. बिजली के बल्ब बनावे ला ऊ नाहियो त दस हजारन प्रयोग कइले रहलन आ हर प्रयोग असफल होखला का बाद फेरु अगिला प्रयोग करे में लाग जासु. सफलता मिलल बाकिर ‘बजलऽ ऐ शंख बाकिर बाबाजी के पदा के’ वाला अंदाज में. हमहूं एह चालीस बरीस में हजारन तरीका आजमा चुकल बानी आ लाखन गँवा के इहे सीख पवले बानी कि हर राह में जोखिम मिलहीं के बा. शेयर बाजार के स्वभाव एही पर निर्भर करेला कि जब ले दू जने में से एक आदमी बेचेला आ एक आदमी खरीदेला तइयार ना होखीहें त सौदा होखबे ना करी. राउर अकिल सामने वाला के अकिल से बेसी होखे के ओतने संभावना बा जतना सामने वाला के बेंवत बेसी होखे के ! कबो हाथी नाव पर त कबो नाव हाथी पर देखे के मिलही के बा. कबीर के सीख मानीं त एह में पिसाहीं के बा. बाकिर रउरा त पिसाए आइल नइखीं त रउरा कमाल के सीख मानहीं के पड़ी कि – कील पकड़ कर जो रहे कभी ना पीसा जाय !
जवने तरीका रउरा पसन्द होखे तवने पर टिकल रहीं. अपना चालीस बरीस का अनुभव से हम बता सकीलें कि अधिकतर लोग के ट्रेडिंग में नुकसान एही चलते होखेला कि ऊ कवनो कील नईखन पकड़ले. कबो इर घाट त कबो मीर घाट पर जाए के आदत उनुका के दुनु जगहा डुबावत रहेला. याद राखीं कि बन्दो घड़ी दिन में दू बेर सही समय बताइए देले. कवनो तरीका अपनाएब बीच बीच में नुकसान होखहीं के बा. बस ई मत होखे के जब एह तरीका के पिटाई तय रहल त ई तरीका अपनवले रहीं आ जब ओह तरीका के पिटाये के समय आ जाव त ओह तरीका पर चल जाईं ! जवन तरीका पसन्द आ जाव तवने तरीका अपना लीं आ कम से कम एक सौ बेेर ओह तरीका से ट्रेड कइला का बादे सोचीं कि तरीका सही बा कि ना. कवनो तरीका सभका ला सही ना हो सके. कवनो तरीका हमरा ला फायदामन्द बा त हो सकेला कि उहे तरीका रउरा के नुकसान करा देव. तरीका अपना कूवत, अपना बेंवत, अपना हालात, बाजार के हालात, देश दुनिया के हालात देख के अपनाईं.
रहल बात चालीस बरीस का अपना अनुभव के निचोड़ बतावे के त जहिया हम कवनो एक तरीका से एक सौ बार सौदा कर लेब त रउरा के जरूर बता देब कि ऊ तरीका कतना सही भा गलत रहल. अबहीं त रोजे नया नया तरीका खोजे में लागल बानी. आ डूबे वाला के इहे खासियत होखेला – बड़ बड़ जने दहाइल जासु, गदहा थाहे कतना पानी !
आज लेख बहुते लमहर हो गइल. कारण ई कि बाजार अबहीं छुट्टी पर बा. अगिलो हफ्ता तीन दिन खुली त तीन दिन ला बंद हो जाई. अब हमार ई लेख कतना काम लायक रहल भा कतना वाहियात ई रउरे बता सकीलें. बाकिर हमरा पूरा भरोसा बा कि रउरा कुछ बताएब ना. देखीं हमार भरोसा टूटे मत. कवनो कमेंट लिख के मत चल जाएब !
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