समाज के सच्चाई झलकेला हमरा फिलिमन में, कहलें जगदीश शर्मा

अपना जुनून से सपना के सच्चाई में बदल देबे वाला निर्देशक हउवें जगदीश शर्मा. हर सला उनकर फिल्म आवेली सँ आ सीधे दर्शकन का दिल में उतर जाली सँ. पिछला साल उनकर फिल्म रंगबाज दारोगा सफलता के मंजिल तय कइलस त एह साल आ रहल बा प्रवेश सिप्पी के मृत्युंजय, जीतेश दूबे के मार देब गोली केहू ना बोली, आ दौलत ठाकुर राजू सिंह के कुरुक्षेत्र साथही आ रहल बा टेकनीशियन फिल्म्स के छोटका भईया जिन्दाबाद.देवानन्द का साथे लश्कर, अक्षय कुमार का साथे सपूत आ कमाल खान का साथे देशद्रोही निर्देशित करेवाला निर्देशक जगदीश शर्मा से पिछला दिने भइल बातचीत से जवन सामने आइल एहिजा पेश कर रहल बानी.

Jagdish Sharma

कहल जाला कि सिनेमा दिलन के जोड़ेला. का भोजपुरी सिनेमा दिल जोड़े के काम कर रहल बा?

बिल्कुलजोड़ रहल बिया. भोजपुरी सिनेमा आज मारीशस सुरीनाम ले चहुँप गइल बा त एकरा के दिले जोड़ल नु कहल जाई.

एह साल राउर तीन गो फिल्म आ रहल बाड़ी सँ. का फरक बा तीनो में?

तीनो अलगा अलगा बाड़ी सँ. मृत्युंजय में एगो आदमी के हौसला के बात कइल गइल बा, ओकरा लक्ष्य के बात कइल गइल बा. जबकि मार देब गोली केहू ना बोली पूरा तरह से पॉलिटीशियन्स, बाहुबलियन, आ पुलिस आफिसर्स का संबंध पर बनल बा. छोटका भईया जिन्दाबाद के कहानी संपत्ति विवाद के कहानी बा.

हमरा कहे के मतलब रहुवे कि मौजूदा दौर से ई फिलिम कवना तरह से अलगा बाड़ी सँ?

तीनो फिलिम रियलिस्टिक बाड़ी सँ जवना में समाज के सच्चाई देखावल गइल बा. साथ ही साथ मनोरंजनो के पूरा ध्यान राखल गइल बा.

प्रवेश सिप्पी हिन्दी के आ जीतेश दूबे भोजपुरी के नामचीन निर्माता ह लोग. कइसन अनुभव ररहल ओह लोग का साथ फिल्म बनावत में?

प्रवेश जी हर काम अपना अनुभव का हिसाब से करेलें जबकि जीतेश दूबे के सीधा फंडा ह कि फिल्म बनाव आ पूरा दिल से बनावऽ. दुनु का साथे काम करे में आनन्द मिलल.

भोजपुरी सिनेमा के रउरा पहिला निर्देशक हईं जे भोजपुरी के सगरी सुपर स्टारन केनिर्देशित कइले बा. कुछ ओहू बारे में?

प्रवेश सिप्पी का चलते मृत्युंजय में दिनेशलाल के पहिला बेर निर्देशित करे के मौका मिलल. रविकिशन का साथे पहिलहू काम कर चुकल बानी आ ओहि घरी से हमनी के बढ़िया ट्यूनिंग बा. मार देब गोली में रविकिशन कमाल के काम कइले बाड़े. छोटका भईया जिन्दाबाद आ एकरा से पहिले देवा में मनोज तिवारी के निर्देशित करे के अनुभव बहुते बढ़िया रहल. उनका साथे फिल्म बनावे के मतलब होला टेंशन फ्री हो के काम कइल. कुरुक्षेत्र में पवन सिंह के निर्देशित कर रहल बानी. पवन त एकदम बच्चा हउवें. जइसन चाहीं वआसन रुप दे दीं. सेट पर हँसावत हँसावत लोटपोट करा देलन. एही क्रम में दीपक दूबे आ गुंजनो पंत के चर्चा कइळ ठीक रही. दीपक दूबे पावर पैक्ड एक्टर हउवें आ गुंजन के गूंज त पूरा भोजपुरी वर्ल्ड में गूंजत बा. इहो दुनु जने बहुते आगा जाई.

मार देब गोली केहू ना बोली का बारे में एक लाइन?

ई फिल्म तमंचा आ कारतूस का बल पर बिहार में लहलहात अपराध के फसल के कच्चा चिट्ठा खोलत बिया. जीतेश दूबे के प्रस्तुति आ पायल दूबे के निर्माण ई फिल्म कमाल के बनल बिया.

आ मृत्युंजय का बारे में?

मृत्युंजय पूरा तरह से रियलिस्टिक फिल्म बा जवन सिनेमा के परदा पर आ के दर्शकन के ई सोचे पर मजबूर कर दी कि का अइसनो कमाल के फिल्म बन सकेले


स्रोत : शशिकान्त सिंह

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