आम आदमी के हीरो संजीव राजपूत

वइसे त भोजपुरी आम आदमी के सिनेमा ह, लेकिन भोजपुरी के परचम उठाके घूमे वाला नायक अब आम ना रहि के खास हो गइल बाड़े. ब्रांडेड कपड़न आ स्विस घड़ियन के शौक़ीन भोजपुरी सितारन का भीड़ में एगो नया अभिनेता बहुते गँवे गँवे सफलता के सीढ़ियन पर चढ़त जात बा. आम आदमी के ई हीरो हउवन संजीव राजपूत.

बिहार के एगो छोटहन गाँव गुठनी से मुंबई तकले के सफ़र ई ठीक ओही तरह तय कइले जइसे कवनो आम आदमी. ज़ाहिर बा कि आम से खास हो जाए का बीच के पीड़ा से ऊ बखूबी वाकिफ़ होखीहें. एही वजह से सैकड़ों एल्बम में एक्टिंग आ रायटिंग कर के नाम आ दाम दुनु हासिल कर लिहला का बादो ऊ खुद के आम आदमी से जुड़ल राखल पसंद करेलन. भोजपुरी फिल्म “ई कईसन संसार” से एक्टिंग के शुरुआत करे वाला संजीव राजपूत के अगिला फिलिम हिय “प्यार के बंधन ना टूटे मितवा”.

लेखक-निर्देशक महमूद आलम के एह फिल्म में संजीव राजपूत मनोज टायगर के जोड़ीदार बनल बाड़न. एकरा अलावे संजीव के अउरियो तीन गो फ़िलिम फ्लोर पर बाड़ी सँ, जवना में “प्यार के बंधन ना टूटे मितवा”, “जय लक्ष्मी मईया” आ “प्यार कईके देख लऽ” शामिल बा. संजीव राजपूत मुंबई के एगो प्रतिष्ठित एक्टिंग संस्थान से एक्टिंगो सिखलें आ बरीसन ले अध्यापन आ लेखन कइले. बाकिर अब ऊ पूरा तरह एक्टिंग में मशगूल बाड़े.

बकौल संजीव राजपूत एक्टिंग सिखे सिखावे के चीज़ ना होले. हर इंसान में एक्टिंग के बिया मौजूद रहेले, ज़रूरत पड़ेला बस ओकरा के अँकुरावे के. “प्यार के बंधन ना टूटे मितवा” का सफलता का बारे में संजीव राजपूत बहुते आश्वस्त बाड़न. उनुकर मानीं त भोजपुरी फ़िलिम अपना मूल परिवेश से कटत जात बाड़ी सँ आ एही चलते दर्शको एकरा से कटत जात बाड़े. का हमनी के इंडस्ट्री आम आदमी के एह हीरो के सलाह पर गौर फरमाई ?


(स्रोत : स्पेस क्रिएटिव मीडिया)

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