रखिया बन्हा लऽ भइया

(24 अगस्त 2010 के पड़े वाला राखी के त्यौहार का अवसर पर)

Ram Raksha Mishra Vimal

– रामरक्षा मिश्र विमल

अइसे त हर अनुष्ठान में रक्षा सूत जजमान बन्हवावेले अपना पुरोहित से बाकिर सावन के पूर्णिमा के बिशेष महत्त्व बा.ओह दिन पूरा देश काफी धूमधाम से मनावेला एह पर्व के रक्षाबंधन के नाम से.आज ई पर्व भाई-बहिन के नाम से प्रसिद्ध हो गइल बा.भाई भुजा के प्रतीक आ बहिन कलाई के प्रतीक.बहिन जब भाई के कलाई प राखी बान्हेली त उनुका ई पूरा बिश्वास रहेला कि भाई संकट परला प उनुकर रक्षा करिहें.बहुत प्यार से शुभकामना के साथ ऊ भाई के राह जोहेली-
“रखिया बन्हा लऽ भइया सावन आइल
जीयऽ तू लाख बरिस हो”.

रक्षाबंधन के उत्तर आ पश्चिम भारत में राखी पूर्णिमा,उत्तरांचल में श्रावणी,महाराष्ट्र में नारियल पूर्णिमा,मध्य भारत में कजरारी पूर्णिमा आ दक्षिण भारत में अवनि अवित्तम आ उपकारमम के नाम से जानल जाला.ई कहल आसान ना होई कि एह पर्व के कवनो धार्मिक संदर्भ बा कि ना,कहें कि आजुओ जजमान लोगन के अपना पुरोहित से राखी बन्हवावेके परंपरा बा.पंडीजी एगो बिशेष मंत्र के उच्चारण का साथ राखी बान्हेले-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल.

एकरा शुरुआत के कवनो ऐतिहासिक संदर्भ उपलब्ध नइखे जबकि भाई-बहिन के त्योहार के ऐतिहासिक संदर्भ उपलब्ध बा.सबसे प्रामाणिक संदर्भ रानी कर्णावती के बा जे गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह से अपना राज्य के सुरक्षा खातिर बादशाह हुमायूँ के राखी भेजले रहली आ हुमायूँ उनुका राखी के लाज रखले.हालाकि पुराणन में एकर बहुते उदाहरण मिलेलेसन.अइसन लागता कि रक्षाबंधन के भाई-बहिन के त्योहार के रूप में प्रतिष्ठित करे में भारतीय खासकर हिंदी फिल्मन के बहुत बऽड़ जोगदान बा.

राखी स्नेह के अटूट डोर हऽ,रक्षा के पवित्र बंधन हऽ,जवना के बड़ा बेसब्री से इंतजार करेली बहिन सभ.

शहरी फैशन,राखी आ बाजार

आज भाई लोग खातिर बाजार में कई भेराइटी के राखी मौजूद बाड़ी सन-राखी थ्रेड,प्रीमियम राखी,पर्ल राखी,राखी फार किड्स,राखी ब्रेसलेट आदि आदि.आधुनिक जुग में सूचना तकनीक भी उपभोक्ता के हित बनाम रिश्ता के अहमियत के समझे लागल बा.रउँवा जो अपना भाई भा बहिन से मिल नइखीं पावत त चिंता जनि करीं,इंटरनेट हाजिर बा.

जेकर भाई दूर कवनो शहर भा बिदेश में बा ओकर बहिन अब “ई राखी” भी भेज रहल बाड़ी.एहमें कई गो वेबसाइट रउरा मदत खातिर तइयार बाड़े सन.खाली राखिये ना मिठाई आ उपहार भी पहुँच जाई.आनलाइन खरीदारी खातिर गूगल सर्च से प्राप्त कुछ वेबसाइटन के हम नीचे लिख रहल बानी,बाकिर पूरी तरह से कंफर्म भइला के बादे नेट पर लेनदेन ठीक होई, नाहीं त लेनी के देनी भी पड़ सकेले.
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